Infosys के शेयर में ज्‍यादा तेजी की उम्‍मीद नहीं, मोतीलाल ओसवाल ने बताई 3 बड़ी चिंताएं, जिससे बना रहेगा दबाव

Infosys Stock Price : तिमाही नतीजों के बाद आज इंफोसिस के शेयर फोकस में रहेंगे. नतीजों की सबसे बड़ी बात यह‍ है कि इंफोसिस ने फाइनेंशियल ईयर 2026 के लिए अपने रेवेन्‍यू ग्रोथ गाइडेंस में लोअर लेवल को बढ़ाकर अब 1 से 3 फीसदी कर दिया है. हालांकि ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फिलहायल शेयर को लेकर बहुत ज्‍यादा उत्‍साहित नहीं दिख रहा. ब्रोकरेज ने इंफोसिस के स्‍टॉक पर NEUTRAL रेटिंग बनाए रखा है और टारगेट प्राइस 1,750 रुपये दिया है, जो करंट प्राइस से 11% अधिक है. शेयर आज करीब 1 फीसदी टूटकर 1,556 रुपये पर आ गया है.

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ऑर्गेनिक ग्रोथ का अनुमान घटा

ब्रोकरेज का कहना है कि इंफोसिस का FY26 के लिए नजरिया बेहतर हुआ, हालांकि ऑर्गेनिक ग्रोथ का अनुमान घटा है. इंफोसिस का एंटरप्राइज  AI (बिजनेस में AI का इस्तेमाल) अच्छा दिख रहा है, लेकिन फिलहाल कोई बड़ा तात्कालिक लाभ नजर नहीं आ रहा है. ब्रोकरेज के अनुसार कंपनी का रेवेन्‍यू अनुमान से बेहतर रहा है. बड़ी डील्स की कुल वैल्‍यू (TCV) 380 करोड़ डॉलर है, जो पिछली तिमाही से 46% ज्यादा है. नेट न्‍यू टीसीवी में (नई डील्स की वैल्‍यू) तिमाही बेसिस पर 50% की बढ़त है. बुक टु बिल रेश्‍यो 0.8x (यानी जितनी डील्स हुईं, उसके मुकाबले बिलिंग थोड़ी कम रही) रहा. 

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अभी भी क्लाइंट्स सतर्क, मैक्रो लेवल पर सुधार नहीं

इंफोसिस ने पहली तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अभी भी ग्राहक कंपनियां “वेट एंड वाच” वाली स्थिति में हैं. खर्च करने के बजट या फैसले लेने की गति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय हालात, जैसे जियो पॉलिटिकल टेंशन और टैरिफ (शुल्क) से जुड़ी अनिश्चितताएं, बाजार की सोच पर असर डाल रही हैं. मैनेजमेंट का कहना है कि पिछली तिमाही (4Q) के मुकाबले मैक्रो लगभग वैसा ही बना हुआ है, यही वजह है कि उन्होंने भविष्य का अनुमान को लेकर अब भी सावधानी बरती है.

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मार्जिन को लेकर AI के कारण कुछ चुनौतियां

अगली तिमाहियों में स्थिति बेहतर हो सकती है, लेकिन AI के कारण कुछ चुनौतियां भी हैं. इंफोसिस का EBIT मार्जिन 1QFY26 में 20.8% रहा, जो पिछली तिमाही से 0.2% (20 बेसिस प्वॉइंट) घटा है. सैलरी में बढ़ोतरी और वेरिएबल पे के चलते मार्जिन पर 1% (100bp) का असर पड़ा. वहीं करेंसी के उतार-चढ़ाव से 0.3% (30bp) का असर रहा और सेल्स और मार्केटिंग खर्च बढ़ने से 0.2% (20bp) का असर हुआ. 

ब्रोकरेज का मानना है कि अगली तिमाही से मार्जिन बेहतर हो सकता है. हालांकि AI से जुड़ी प्रोडक्टिविटी बढ़ने के कारण कंपनियां अब प्रोजेक्ट्स के लिए कम कीमतें देने लगी हैं. इससे पूरे आईटी सेक्टर पर मार्जिन का दबाव बन सकता है.

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ऑर्गेनिक ग्रोथ का अनुमान थोड़ा बेहतर

कंपनी ने FY26 के लिए ऑर्गेनिक रेवेन्यू ग्रोथ की अपर लिमिट को थोड़ा घटाया है (40 बेसिस प्वॉइंट). लेकिन हकीकत में प्रदर्शन पहले से बेहतर हो रहा है. पहले ब्रोकरेज ने FY26 में 2% ग्रोथ का अनुमान लगाया था, लेकिन अब मानना है कि कंपनी 2.5% ग्रोथ दे सकती है, खासकर पहली छमाही (1H) के बेहतर नतीजों के चलते.

थर्ड पार्टी रेवेन्यू में गिरावट, एक अच्छा संकेत

FY26 में इंफोसिस की थर्ड पार्टी इनकम घट सकती है. भले ही इससे कुल ग्रोथ पर थोड़ा असर पड़े, लेकिन यह दिखाता है कि कंपनी को अब ऐसी डील्स मिल रही हैं जिनमें बाहरी पार्टियों की भूमिका कम है, इससे कंपनी की मार्जिन (प्रॉफिटेबिलिटी) बेहतर होगी. 

(Disclaimer: स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

 

Source: Financial Express