IPO सब्सक्रिप्शन कितना रहा
कुल सब्सक्रिप्शन: 12.41 गुना
QIB (बड़े संस्थागत निवेशक): 14.35 गुना
रिटेल निवेशक: 12.90 गुना
NII (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल): 8.27 गुना
कंपनी को मिले कुल बिड्स: 21.24 करोड़ शेयर्स, जबकि ऑफर केवल 1.71 करोड़ शेयर का था.इससे साफ है कि IPO में हर वर्ग के निवेशकों ने भरोसा जताया है.
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP): अब घटकर ₹1
IPO खुलने के समय GMP करीब ₹5 था.
लिस्टिंग से ठीक पहले ये घटकर ₹1 रह गया है यानी कि ₹237 के इश्यू प्राइस पर लिस्टिंग ₹238 के आस-पास हो सकती है, जो महज 0.42% प्रीमियम है.
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एक्सपर्ट्स का क्या कहना है-कंपनी का “asset-light flexible workspace” मॉडल और सब्सक्रिप्शन की मजबूती इसकी बुनियाद को सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन बाजार की मौजूदा चाल के चलते बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं की जा रही.
कंपनी का बिजनेस क्या है
Indiqube एक फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस सॉल्यूशन प्रोवाइडर है, जो स्टार्टअप्स, SMEs और बड़े कॉर्पोरेट्स को मॉडर्न ऑफिस स्पेस देता है.कंपनी का बिजनेस मॉडल asset-light है, यानी खुद बिल्डिंग्स खरीदने के बजाय किराए पर लेकर उन्हें कस्टमाइज्ड वर्कस्पेस में बदलना.यह मॉडल आज के Co-working और Remote-friendly environment में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
अगर आपको शेयर अलॉट हुआ है:-बहुत बड़ा प्रीमियम फिलहाल दिख नहीं रहा, ऐसे में अगर लिस्टिंग प्राइस पर हल्की तेजी मिले तो आंशिक मुनाफा बुक करना समझदारी हो सकती है.अगर कंपनी में लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर भरोसा है, तो कुछ शेयर होल्ड किए जा सकते हैं.
अगर अलॉटमेंट नहीं मिला है:फिलहाल शेयर में ज्यादा हलचल की संभावना कम दिख रही है, ऐसे में पोस्ट-लिस्टिंग कोई गिरावट आए तो धीरे-धीरे एंट्री ली जा सकती है.
Indiqube Spaces का IPO निवेशकों को भले ही पसंद आया हो, लेकिन लिस्टिंग डे पर धमाका नहीं दिखेगा. कंपनी का बिजनेस मॉडल मजबूत है, और लॉन्ग टर्म के लिए यह स्टॉक अच्छा प्रदर्शन कर सकता है, लेकिन शॉर्ट टर्म में बहुत ज्यादा तेजी की उम्मीद न करें.
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Source: CNBC