India Glycols Limited ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से कई विशेष प्रस्तावों को सफलतापूर्वक पारित करने की घोषणा की, जिसमें इक्विटी शेयरों का उप-विभाजन/विभाजन और प्रमुख डायरेक्टरों की फिर से नियुक्ति शामिल है। 22 जुलाई, 2025 को इन प्रस्तावों को पारित मान लिया गया, जो रिमोट ई-वोटिंग की अंतिम तिथि थी।
प्रस्ताव | पक्ष में वोट (प्रतिशत) | विपक्ष में वोट (प्रतिशत) |
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इक्विटी शेयरों का उप-विभाजन/विभाजन | 99.992 प्रतिशत | 0.008 प्रतिशत |
नए मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन को अपनाना | 99.996 प्रतिशत | 0.004 प्रतिशत |
नए आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन को अपनाना | 97.478 प्रतिशत | 2.522 प्रतिशत |
सुश्री प्रज्ञा भारतिया बारवाले की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्ति | 97.184 प्रतिशत | 2.816 प्रतिशत |
श्री यू.एस. भारतिया की चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्ति | 97.166 प्रतिशत | 2.834 प्रतिशत |
मुख्य निर्णय
- इक्विटी शेयरों का उप-विभाजन/विभाजन: महत्वपूर्ण बहुमत के साथ स्वीकृत, जो कंपनी के शेयरों की लिक्विडिटी और पहुंच बढ़ाने के लिए मजबूत शेयरधारक समर्थन का संकेत देता है।
- नए मेमोरेंडम और आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन को अपनाना: कंपनी अधिनियम, 2013 के साथ संरेखण को दर्शाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कॉर्पोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड अपडेट हैं।
- सुश्री प्रज्ञा भारतिया बारवाले की फिर से नियुक्ति: 24 जून, 2025 से 23 जून, 2030 तक, अगले 5 वर्षों के लिए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्ति।
- श्री यू.एस. भारतिया की फिर से नियुक्ति: 1 अप्रैल, 2026 से 31 मार्च, 2031 तक, अगले 5 वर्षों के लिए चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में फिर से नियुक्ति।
वोटिंग की जानकारी
पोस्टल बैलेट के नतीजों से पता चला कि सभी प्रस्तावों को जबरदस्त समर्थन मिला। कट-ऑफ तिथि (13 जून, 2025) तक रिकॉर्ड पर शेयरधारकों की कुल संख्या 56,372 थी। रिमोट ई-वोटिंग के माध्यम से मतदान किया गया, और प्रस्तावों को आवश्यक बहुमत से अनुमोदित किया गया।
मैनेजमेंट कमेंट्री
बोर्ड ऑफ डायरेक्टरों ने आशीष सक्सेना एंड को को पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के लिए scrutineer नियुक्त किया था। scrutineer की रिपोर्ट ने पुष्टि की कि ई-वोटिंग प्रक्रिया कंपनी अधिनियम, 2013 और सेबी लिस्टिंग विनियमों के अनुपालन में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई थी।
मार्केट पर असर
इन प्रस्तावों की स्वीकृति से कंपनी के शेयर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। शेयर विभाजन से लिक्विडिटी बढ़नी चाहिए, जबकि फिर से नियुक्तियों से लीडरशिप में स्थिरता आएगी।
Source: MoneyControl