IDFC First Bank Q1 Result: मुनाफा 32% घटा, लेकिन फिर भी निवेशक क्यों दिखा रहे हैं भरोसा?

IDFC First Bank Q1 Results: IDFC फर्स्ट बैंक ने वित्तीय वर्ष 2025–26 की पहली तिमाही (अप्रैल–जून 2025) के नतीजे जारी कर दिए हैं। नतीजों में अच्छी और कुछ चौंकाने वाली बातें दोनों थीं। एक तरफ मुनाफा घटा है, तो दूसरी तरफ बैंक की जमा (Deposits) में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है।

प्रॉफिट में बड़ी गिरावट

बैंक ने बताया कि अप्रैल–जून 2025 के बीच 462.6 करोड़ का मुनाफा हुआ, जो कि पिछले साल इसी समय 681 करोड़ था। यानी 32% की गिरावट। इस गिरावट के पीछे माइक्रोफाइनेंस बिजनेस में बढ़ती दिक्कतें और ब्याज दरों की चाल बड़ी वजह बनीं।

ब्याज से आमदनी सुधरी, लेकिन मार्जिन दबा हुआ

बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) यानी ब्याज से कमाई में कुछ राहत रही। ये 5% बढ़कर 4,933 करोड़ हो गई, जो पिछली साल 4,695 करोड़ था (5% YoY वृद्धि)। CEO वी. वैद्यनाथन का कहना है कि बैंक ने रेपो रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों को दिया, जिससे मार्जिन कम हो गया। लेकिन H2 FY26 यानी साल की दूसरी छमाही में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।

एसेट क्वालिटी में गिरावट

बैंक ने प्राविजन खर्चों में भारी वृद्धि देखी गई। यह साल-दर-साल 67% बढ़कर 1,659 करोड़ हो गए हैं। इसकी वजह माइक्रोफाइनेंस में बढ़े स्लिपेज (नॉन-पेमेंट) हैं। इसका असर बैंक के NPA रेशियो पर भी पड़ा है। ग्रॉस NPA बढ़कर 1.97% हो गया (पिछली तिमाही में 1.87%) और नेट NPA भी हल्का बढ़कर 0.55% हो गया है।

डिपॉजिट्स में जबरदस्त उछाल

बैंक ने भले प्रॉफिट में गिरावट देखी हो, लेकिन डिपॉजिट्स में तगड़ा भरोसा बना हुआ है। कुल डिपॉजिट्स 2.56 लाख करोड़ हो गई हैं जो कि पिछले साल 2.04 लाख करोड़ थी। रिटेल डिपॉजिट्स 24.5% बढ़ीं और CASA (करंट + सेविंग अकाउंट) डिपॉजिट्स 30% से ज्यादा बढ़कर 1.27 लाख करोड़ हो गई है।

डिस्क्लेमर: ऊपर दी गई राय और सिफारिशें अलग-अलग एक्सपर्ट्स या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं। मिंट इनकी पुष्टि नहीं करता। निवेश से पहले किसी भरोसेमंद फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

Source: Mint