हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) का शेयर बीते 6 महीनों में करीब 22 फीसदी चढ़ा है। हांलाकि, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कंपनी का रेवेन्यू सिर्फ 2 फीसदी बढ़ा। इसकी इंजन की कमी सहित कुछ दूसरी वजहें रहीं। एचएएल की सबसे बड़ी खासियत इसकी आर्डरबुक है। कंपनी की ऑर्डरबुक 1,84,000 करोड़ रुपये है, जो इसके सालाना रेवेन्यू की छह गुना है। इससे भविष्य में कंपनी के रेवेन्यू को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं रह जाती है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कंपनी को 1,02,000 करोड़ रुपये के नए कॉन्ट्रैक्ट्स और रिपेयरिंग के 17,500 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स मिले।
डिफेंस में आत्मनिर्भरता का सबसे ज्यादा फायदा HAL को
HAL के एग्जिक्यूशन में इम्प्रूवमेंट की उम्मीद है। कंपनी अपनी क्षमता बढ़ा रही है। इसने एक्सपोर्ट्स पर भी फोकस बढ़ाया है। इससे आगे ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। सरकार देश में ही डिफेंस इक्विपमेंट के उत्पादन पर जोर दे रही है। इसका मतलब है कि जिन डिफेंस इक्विपमेंट का अब तक इंपोर्ट हो रहा था, उनका अब देश में ही उत्पादन होगा। इनमें लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। इसका बड़ा फायदा Hindustan Aeronautics को मिलना तय है।
कंपनी की ऑर्डरबुक बहुत ज्यादा स्ट्रॉन्ग
कंपनी को मिले बड़े ऑर्डर में 240 AL-31FP इंजन, 156 एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर्स और सुखोई-30MKI एयरक्राफ्ट शामिल हैं। कंपनी की ऑर्डरबुक काफी स्ट्रॉन्ग है। इससे अगले दो साल में करीब 1,00,000 करोड़ रुपये का रियलाइजेशन हो सकता है। कंपनी को इस साल दिसंबर तक LCA Mark 1A के 12 इंजन की सप्लाई करने की उम्मीद है। इससे कंपनी को करीब 3,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलेगा। अगले 5 सालों में कंपनी Tejas LCA Mark 2, 84 Sukhoi-30MKI एयरक्राफ्ट और 156 लाइट कंबैट हेलीकॉप्टर्स की डिलीवरी आर्मी और एयर फोर्स को करने वाली है।
SSLV की मैन्युफैक्चरिंग के लिए सफल बिडर
एचएल स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) की सक्सेसफुल बिडर बनी है। इससे एचएएल को एसएसएलवी की टेक्नोलॉजी डिजाइन करने के साथ ही इसकी मैन्युफैक्चरिंग करेगी। ISRO ने एसएसएलवी को डेवलप किया है। स्ट्रॉन्ग ऑर्डरबुक को देखते हुए कंपनी अपनी कैपेसिटी बढ़ा रही है। बेंगलुरु में कंपनी एयरक्राफ्ट की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी 16 से बढ़ाकर 24 कर रही है। साथ ही नासिक की ग्रीनफील्ड फैसिलिी से यूनिट्स की डिलीवरी कर रही है। अगले पांच सालों में कंपनी का 14,000-15,000 करोड़ पूंजीगत खर्च का प्लान है। इससे मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी और R&D को मजबूती मिलेगी।
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क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?
इस फाइनेंशियल ईयर में कंपनी की ग्रोथ 8-10 फीसदी रहने की उम्मीद है। अगले वित्त वर्ष में यह 10 फीसदी से ज्यादा रह सकती है। कंपनी ने Airbus के साथ कमर्शियल एयरक्राफ्ट MRO का समझौता किया है। इससे रेवेन्यू और मुनाफा दोनों में इजाफा होगा। अभी इस स्टॉक में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 31 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। यह वाजिब लगता है। इस स्टॉक में कम रिस्क के साथ अट्रैक्टिवल रिटर्न की गुंजाइश दिखती है।
Source: MoneyControl