HDFC Bank Stock Price : तिमाही नतीजों के बाद आज एचडीएफसी बैंक के शेयरों में तेजी है. आज शेयर 2 फीसदी मजबूत होकर 2,002 रुपये के भाव पर पहुंच गया. कंपनी ने बीते शनिवार को तिमाही नतीजे जारी किए थे, जो अनुमान से कुछ बेहतर रहे हैं. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने बैंक स्टॉक पर भरोसा जताते हुए इसमें Buy रेटिंग दी है और 18 फीसदी बढ़त के अनुमान के साथ 2,300 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है. ब्रोकरेज का मानना है कि ऐसे कई फैक्टर काम कर रहे हें, जिसके चलते आने वाले दिनों में बैंक का रिटर्न रेश्यो (RoA/RoE) मजबूत होगा.
मोतीलाल ओसवाल : 5 वजहों से आउटलुक मजबूत
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) का कहना है कि HDFC बैंक ने जून तिमाही में स्थिर प्रदर्शन किया और टैक्स में रिवर्सल के कारण थोड़ा ज्यादा मुनाफा दिखाया. बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पिछली तिमाही के मुकाबले 11 बेसिस अंक घटा, और उम्मीद है कि ब्याज दरों में कटौती के असर से दूसरी तिमाही में यह और घटेगा.
बिजनेस ग्रोथ बैंक की रणनीति के अनुसार चल रही है, जिसमें बैंक लगातार क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो को कम करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि बैंक ने यह भी कहा कि आने वाले समय में क्रेडिट ग्रोथ में सुधार होगा.
स्लीपेजेज (बकाया कर्ज में गिरावट) मुख्य रूप से खेती-किसानी के सीजनल कारणों से बढ़े हैं, जबकि प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) स्थिर रहा, जो लगभग 66.9% है.
बैंक ने HDB फाइनेंशियल में अपनी हिस्सेदारी बेचने से हुए लाभ का स्मार्ट तरीके से उपयोग किया है. इससे बैंक ने 90,000 करोड़ रुपये के फ्लोटिंग प्रोविजन और 17,000 करोड़ रुपये के आकस्मिक प्रोविजन बनाए हैं. अब कुल प्रोविजन का स्टॉक 3.66 लाख करोड़ रुपये (कुल लोन का 1.4%) हो गया है.
आने वाले समय में महंगे कर्जों को धीरे-धीरे चुकाना, ऑपरेटिंग लीवरेज में सुधार और मजबूत प्रोविजन बैकअप, ये सब बैंक के रिटर्न रेश्यो (RoA/RoE) को मजबूत बनाएंगे. ब्रोकरेज ने अपने अनुमान में थोड़ा बदलाव किया है और मानते हैं कि FY27 तक बैंक 1.9% RoA और 14.9% RoE दे सकता है.
मैनेजमेंट की प्रमुख बातें
बैंक मैनेजमेंट का कहना है कि वित्त वर्ष 2026 (FY26) में उसकी लोन ग्रोथ पूरी बैंकिंग प्रणाली की रफ्तार के बराबर रहेगी, जबकि FY27 में यह उससे तेज होगी. बैंक का लक्ष्य है कि मध्यम अवधि में उसका क्रेडिट-डिपॉजिट (C/D) रेश्यो 87-90% तक पहुंचे. बैंक ने 1,700 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आकस्मिक प्रावधान बनाए हैं, जो उसके कुल लोन का 57 बेसिस प्वॉइंट है.
बैंक के लिए कॉस्ट-टू-इनकम रेश्यो एक अहम फोकस है. फिलहाल यह 39.6% है और बैंक को उम्मीद है कि यह आगे और बेहतर होगा. पहली तिमाही (Q1) में क्रेडिट कॉस्ट कृषि क्षेत्र की मौसमी वजहों से थोड़ी ज्यादा रही, लेकिन आने वाले समय में इसे नियंत्रण में रहने की उम्मीद है.
HDFC बैंक : तिमाही नतीजों की मुख्य बातें
बैंक ने जून तिमाही में 18,160 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 12% ज्यादा है. यह फायदा मुख्य रूप से टैक्स में रिवर्सल (15% टैक्स रेट) की वजह से हुआ.
बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 31,440 करोड़ रुपये रही, जो 5% सालाना बढ़ी.
मार्जिन (कुल एसेट पर कमाई) पिछली तिमाही के मुकाबले 11 बेसिस प्वॉइंट घटकर 3.35% हो गया (पिछले क्वार्टर में 3.46%), जिसमें IT रिफंड पर ब्याज को समायोजित किया गया है.
अन्य आय 21,730 करोड़ रुपये रही, जिसमें से 9,130 करोड़ रुपये की आय HDB फाइनेंशियल में हिस्सेदारी बेचने से हुई.
खर्च (ओपेक्स) सालाना 5% बढ़कर 17,430 करोड़ रुपये रहा, जो अनुमान के अनुसार है.
प्रोविजंस बढ़कर 14,400 करोड़ रुपये हो गए, जिसमें से 9,000 करोड़ रुपये फ्लोटिंग और 1,700 करोड़ रुपये आकस्मिक प्रावधान शामिल हैं. ये फंड HDB फाइनेंशियल की हिस्सेदारी बेचने और अन्य इनकम से बनाए गए.
फ्रेंश स्लीपेजेज 9,000 करोड़ रुपये रही, जिसमें से 6,800 करोड़ रुपये कृषि क्षेत्र को छोड़कर है.
बैंक का ग्रॉस NPA 1.4% और नेट एनपीए 0.5% रहा, दोनों में पिछली तिमाही से 7bp और 4bp की बढ़ोतरी हुई. PCR लगभग 66.9% पर स्थिर रहा.
कुल एडवांस सालाना 6.7% बढ़कर 26.3 लाख करोड़ रुपये हुआ, लेकिन तिमाही आधार पर स्थिर रहा.
डिपॉजिट सालाना 16.2% और तिमाही आधार पर 2% बढ़कर 27.6 लाख करोड़ रुपये हो गई.
क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो (CD ratio) घटकर 95.1% हो गया.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
Source: Financial Express