हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की चौथी तिमाही में रेवेन्यू के मामले में मुश्किल का सामना करना पड़ा। इसकी बड़ी वजह सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतें थीं। हालांकि, कंपनी को आगे ग्रोथ डबल डिजिट में रहने की उम्मीद है। दरअसल, कंपनी को मैन्युफैक्चरिंग के कई बड़े ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। जीई के साथ इंजन की उपलब्धता के मसले का समाधान भी जल्द हो जाने का अनुमान है। कंपनी ने अपना एबिड्टा मार्जिन आउटलुक बनाए रखा है, जिसकी बड़ी वजह इसकी स्ट्रॉन्ग ऑर्डरबुक है।
सप्लाई चेन में दिक्कत से घटा रेवेन्यू
Hindustan Aeronautics (HAL) का रेवेन्यू चौथी तिमाही में 13,700 करोड़ रुपये रहा। यह एक साल पहले की चौथी तिमाही के रेवेन्यू के मुकाबले 7.2 फीसदी कम है। रेवेन्यू में यह कमी सप्लाई चेन में दिक्कत की वजह से आई। इंजन की उपलब्धता नहीं होने से एचएएल की LCA Mark 1 की डिलीवरी पर असर पड़ा। उधर, इस साल जनवरी में एक्सिडेंट के बाद ALH फ्लीट के जमीन पर आ जाने का असर भी HAL की डिलीवरी शिड्यूल पर पड़ा।
इनपुट कॉस्ट बढ़ने से EBITDA में भी कमी
HAL का EBITDA चौथी तिमाही में 5,295 करोड़ रुपये रहा, जो साल दर साल आधार पर 10.3 फीसदी कम है। इसकी बड़ी वजह इनपुट कॉस्ट में इजाफा है। EBITDA मार्जिन 131 बेसिस प्वाइंट्स घटकर 39 फीसदी पर आ गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 40 फीसदी था। चौथी तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट 7.7 फीसदी घटकर 3,977 करोड़ रुपये रहा। डिलीवरी में देरी का असर रेवेन्यू और मार्जिन पर पड़ा, जिससे कंपनी का प्रॉफिट भी घट गया।
1.89,000 करोड़ रुपये की स्ट्रॉन्ग ऑर्डरबुक
कंपनी की ऑर्डरबुक काफी स्ट्रॉन्ग है। यह इसके सालाना रेवेन्यू का छह गुना है। FY24 में ऑर्डरबुक 94,127 करोड़ रुपये थी, जो अब 1,89,300 करोड़ रुपये हो गई है। इसकी बड़ी वजह यह है कि एचएएल को मैन्युफैक्चरिंग के कई बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स मिले हैं। इनमें 240AL-31FP इंजन का कॉन्ट्रैक्ट, 156 Prachanda हेलीकॉप्टर की सप्लाई और 12 सुखोई-30MKI के कॉन्ट्रैक्ट शामिल हैं। एचएएल को अगले दो साल में करीब 1,00,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने वाले हैं। इससे आने वाले समय में कंपनी के रेवेन्यू को लेकर तस्वीर पूरी तरह से साफ है।
रेवेन्यू ग्रोथ 8-10 फीसदी रहने की उम्मीद
HAL के मैनेजमेंट को इस फाइनेंशियल ईयर में रेवेन्यू की ग्रोथ 8-10 फीसदी रहने की उम्मीद है। अगले वित्त वर्ष में यह डबल डिजिट में रह सकती है। आगे कंपनी को EBITDA मार्जिन 31 फीसदी रहने का अनुमान है। कंपनी Airbus के साथ पार्टनरिशप के जरिए कमर्शियल एयरक्राफ्ट MRO बिजनेस में दाखिल हो रही है। इससे एचएएल का रेवेन्यू और प्रॉफिट दोनों ही बढ़ेंगे। कंपनी ने बेंगलुरु में अपनी क्षमता 16 एयरक्राफ्ट से बढ़ाकर 24 कर रही है। नासिक में कंपनी के नए प्लांट में अगले कुछ महीनों में मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाने की उम्मीद है। इससे कंपनी अगले दो साल में 30 हेलीकॉप्टर्स का उत्पादन कर सकेगी।
यह भी पढ़ें: Vodafone Idea stocks: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कंपनी के लिए वक्त बहुत कम बचा है, करो या मरो जैसी स्थिति
क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?
सप्लाई चेन की दिक्कतें जल्द खत्म हो जाने की उम्मीद है। कंपनी की ऑर्डरबुक काफी स्ट्रॉन्ग है। एचएएल अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है। इससे फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। अभी FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 32 गुना पर इसके शेयरों में ट्रेडिंग हो रही है। यह ज्यादा नहीं लगता है। लंबी अवधि में ग्रोथ की संभावनाओं को देखते हुए इसके शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है। 4 जून को HAL का शेयर 1.28 फीसदी गिरकर 4,925 रुपये पर चल रहा था।
Source: MoneyControl