HAL Stock Price : आज के कारोबार में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics) के स्टॉक फोकस में हैं. स्टॉक 3 फीसदी मजबूत होकर 4,438 रुपये तक मजबूत हुआ है. कंपनी ने एक दिन पहले जून तिमाही के नतीजे जारी किए थे, जो बाजार की उम्मीदों से बेहतर हैं. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने शेयर (Defence Stocks) में खरीदारी की सलाह देते हुए 5,900 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है, जो कल के बंद भाव से 32 फीसदी ज्यादा है.
ब्रोकरेज का कहना है कि HAL ने ठीक-ठाक नतीजे दिए. रेवेन्यू में थोड़ी कमी रही, लेकिन बेहतर मार्जिन और अदर इनकम बढ़ने से यह कमी पूरी हो गई. इसके चलते कंपनी का मुनाफा (PAT) उम्मीद से बेहतर रहा. कंपनी का EBITDA मार्जिन 26.6% रहा, जो बेहतर ग्रॉस मार्जिन और कम प्रावधान के कारण बढ़ा है.
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मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि GE से इंजन सप्लाई बढ़ने के साथ, तेजस Mk1A विमान के ऑर्डर की डिलीवरी आने वाले समय में तेज होने की उम्मीद है. उम्मीद है कि मजबूत मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर बुक से कंपनी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा. ब्रोकरेज ने अपना अनुमान बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस (TP) को 5,800 रुपये कर दिया है. जो DCF और 32x सितंबर 2027 के अनुमानित मुनाफे के औसत पर आधारित है.
पिछली तिमाही में शेयर अपने हाई लेवल से नीचे आया है और अभी 31x/27x P/E पर (FY26/27E के हिसाब से) आकर्षक वैल्यू पर मिल रहा है. HAL की ग्रोथ के बड़े कारण हैं : तेजस विमानों की डिलीवरी और 97 तेजस Mk1A के ऑर्डर का फाइनल होना.
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ग्रोथ का सपोर्ट करने वाले 3 बड़े फैक्टर
1. तेजस Mk 1A प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए, HAL को अब घरेलू उद्योग से जरूरी पार्ट्स मिलने लगे हैं. इसमें सबसे अहम है L&T से मिले पहले बैच के विंग असेंबली, जो मेक-इन-इंडिया पहल के तहत निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है. इंजन के मामले में, GE F-404-IN20 इंजन की डिलीवरी फिर से पटरी पर आ गई है. अब तक 2 इंजन मिल चुके हैं और एक और इस महीने आने की उम्मीद है.
2. HAL और GE ने भारत में F-414 इंजन को मिलकर बनाने के लिए एक समझौता (MoU) किया है, जिसमें 80% तक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का लक्ष्य है. इसमें हॉट-सेक्शन कोटिंग्स, सिंगल-क्रिस्टल टरबाइन ब्लेड और लेजर ड्रिलिंग जैसी अहम तकनीक शामिल हैं. इसके बाद से दोनों कंपनियों के बीच तकनीकी और वाणिज्यिक बातचीत तेजी से चल रही है.
3. ISRO के साथ HAL ने हाल ही में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. 500 करोड़ रुपये का ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (ToT) समझौता, जो छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के लिए है. इस डील के तहत HAL को SSLV बनाने, उसका मालिकाना हक रखने, उसे बेचने और चलाने का पूरा अधिकार मिलेगा. ISRO अगले 2 साल तक HAL को तकनीकी मदद भी देगा.
HAL : फाइनेंशियल आउटलुक
ब्रोकरेज का अनुमान है कि FY25 से FY28 के बीच कंपनी की कुल आय में 24% दर से ग्रोथ रहेगी, जो मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग से आने वाली बढ़ी हुई कमाई के कारण होगी. कंपनी का EBITDA मार्जिन FY26 और FY27 में 29.8% और 28.6% और FY28 में 27.3% के आसपास मजबूत रहने की उम्मीद है. इसका कारण है कंपनी द्वारा अपनाई गई देशीकरण की रणनीति और कम प्रावधान.
FY26, FY27, FY28 में सालाना कैपेक्स के 40 अरब, 50 अरब और 60 अरब रुपये होने की उम्मीद है. साथ ही, वर्किंग कैपिटल भी मजबूत रहेगा. ब्रोकरेज का अनुमान है कि FY25 से FY28 के बीच कंपनी का मुनाफा (PAT) 17% CAGR से बढ़ेगा. बेहतर रेवेन्यू और स्थिर मार्जिन के साथ, कंपनी का RoE और RoCE FY28 तक 22.2% और 22.6% तक पहुंच सकता है.
कंपनी के साथ प्रमुख रिस्क और चिंताएं
बड़े प्लेटफॉर्म ऑर्डर के फाइनल होने में उम्मीद से ज्यादा देरी.
तेजस Mk1A के इंजनों जैसे अहम पार्ट्स की डिलीवरी में और देरी.
रक्षा मंत्रालय (MoD) से भुगतान में देरी.
निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी.
(Disclaimer: शेयर में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
Source: Financial Express