1. किन बैंकों में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी
सरकार इन 5 सरकारी बैंकों में अपनी आंशिक हिस्सेदारी (minority stake) बेचने की योजना बना रही है:
Bank of Maharashtra – सरकार की हिस्सेदारी: 86.46%
Indian Overseas Bank (IOB) – 96.38%
UCO Bank – 95.39%
Central Bank of India – 93.08%
Punjab and Sind Bank – 98.25%
2. आज क्या होगा
8 जुलाई को इंटर-मिनिस्टरियल ग्रुप (IMG) की बैठक है.यह बैठक वित्तीय सेवा विभाग (DFS) और निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिवों की अध्यक्षता में होगी.बैठक में कानूनी और तकनीकी सलाहकारों की नियुक्ति पर फैसला होगा, जो इस हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया को संभालेंगे.
3. एडवाइज़र्स की भूमिका क्यों अहम है?
ये सलाहकार-कानूनी प्रक्रिया को स्पष्ट करेंगे.किस्तों में हिस्सेदारी बेचने की रणनीति बनाएंगे.ऑफर डॉक्युमेंट्स और ड्यू डिलिजेंस तैयार करेंगे.बिना इनकी नियुक्ति के आगे की कोई भी प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती.
4. यह पूरी प्रक्रिया कैसे होगी?
शुरुआत माइनॉरिटी स्टेक सेल से होगी यानी मैनेजमेंट कंट्रोल नहीं बदलेगा.मार्केट से रिस्पॉन्स देखकर आगे का कदम उठाया जाएगा.पूरा काम FY26 तक फैलेगा, और असली हिस्सेदारी बिक्री FY27 में हो सकती है.
5. प्राइवेटाइजेशन नहीं, सिर्फ हिस्सेदारी बेचने की स्ट्रैटेजी
2021-22 के बजट में IOB और Central Bank की प्राइवेटाइजेशन की घोषणा हुई थी, लेकिन कोई खास प्रगति नहीं हुई.इस बार सरकार मैनेजमेंट कंट्रोल नहीं छोड़ेगी, सिर्फ छोटे-छोटे हिस्से बेचकर पब्लिक होल्डिंग बढ़ाना चाहती है.
6. कैटेगरी A और A+ में मर्चेंट बैंकर होंगे शामिल
हिस्सेदारी बिक्री के लिए मर्चेंट बैंकर दो श्रेणियों में शॉर्टलिस्ट हो रहे हैं:
Category A: ₹2,000 करोड़ से कम के सौदे
Category A+: ₹2,000 करोड़ से ज़्यादा के सौदे
7. एनालिसिस – इस रणनीति का क्या मतलब है?
सरकार धीरे-धीरे PSU बैंकिंग सेक्टर में अपनी मौजूदगी कम करना चाहती है.बिना विरोध झेले और बाज़ार को डिस्टर्ब किए “reform intent” का सिग्नल देना चाहती है.यह कदम खासकर तब अहम है जब IPO मार्केट अच्छा चल रहा है और बैंकिंग सेक्टर मजबूत दिख रहा है.इससे सरकार को अच्छा राजस्व (revenue) मिल सकता है और बैंकों में प्रोफेशनलिज्म और एफिशिएंसी भी बढ़ेगी.
कुल मिलाकर-सरकार अब पूरी सतर्कता और रणनीति के साथ PSU बैंकों में हिस्सेदारी घटाने के रास्ते पर बढ़ रही है. सीधे निजीकरण से बचते हुए पहले चरण में सिर्फ माइनॉरिटी स्टेक बेचना यह बताता है कि सरकार बाजार की नब्ज को समझकर धीरे-धीरे सुधारों की ओर बढ़ रही है.
Source: CNBC