क्या चल रहा है ग्लोबल मार्केट में
US डॉलर सोमवार को जोरदार उछाल के बाद मंगलवार को स्थिर है. S&P 500 ने 6,400 का स्तर छुआ, लेकिन क्लोजिंग लगभग फ्लैट रही. तेल की कीमतें स्थिर रहीं, क्योंकि ट्रंप ने रूस पर दबाव बनाया कि वो यूक्रेन से जल्दी समझौता करे, नहीं तो आर्थिक प्रतिबंध झेलने होंगे.
आज के बड़े इवेंट्स
फेडरल रिजर्व की दो दिन की मीटिंग आज से शुरू
US-चीन व्यापार वार्ता का दूसरा दिन स्वीडन में
P&G, UnitedHealth, Merck, AstraZeneca, Boeing, Spotify के नतीजे आज
अमेरिका के ट्रेड बैलेंस, कंज़्यूमर कॉन्फिडेंस और नौकरी के आंकड़े भी आएंगे
अब सबकी नजर फेड रेट फैसले और डेटा पर
बुधवार को फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक का फैसला आने वाला है, जहां रेपो रेट को स्थिर रखने की उम्मीद है. इस हफ्ते अमेरिकी बाजारों में GDP, नौकरी के आंकड़े और महंगाई से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़े आने हैं. साथ ही 4 मेगाकैप टेक कंपनियों (कुल वैल्यू $11.3 ट्रिलियन) के नतीजे भी आने वाले हैं.
ATFX के मुख्य विश्लेषक निक ट्विडेल का कहना है कि अब ध्यान पूरी तरह US डेटा पर है. “टैरिफ डील्स को लेकर स्पष्टता आने के बाद अब असली असर देखने को मिलेगा, खासकर अलग-अलग देशों पर इसके इम्प्लीमेंटेशन को लेकर.”
US-EU ट्रेड डील पर यूरोप में बवाल
जर्मनी की ऑटो इंडस्ट्री ने चेताया कि यह डील उन्हें नुकसान पहुंचाएगी और प्रतिस्पर्धा में कमजोर बनाएगी.नीदरलैंड की ट्रेड मिनिस्टर ने इसे “आदर्श डील नहीं” बताया और बातचीत जारी रखने की बात कही.यूरोपियन शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि यूरो मंगलवार को थोड़ा स्थिर रहा.
US-China फिर से कर रहे ट्रेड डील की बात-US और चीन के अधिकारी इस हफ्ते स्वीडन में दो दिन की बातचीत कर रहे हैं, ताकि अगस्त की डेडलाइन के बाद भी टैरिफ ट्रूस कायम रखा जा सके.
उद्देश्य: इकोनॉमिक सेक्योरिटी बचाते हुए बिजनेस रिलेशन मजबूत रखना.
Boock Report के पीटर बॉकवार ने कहा, “भले ही हम टैरिफ्स से सहमत हों या नहीं, लेकिन अब बड़ी डील्स निपट रही हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियां आगे की योजना बना पाएंगी.”
एशिया और जापान
ट्रंप ने कंबोडिया और थाईलैंड के साथ व्यापार वार्ता फिर शुरू करने के लिए कहा है, क्योंकि दोनों देशों ने सीमा विवाद में संघर्ष रोकने पर सहमति दी है.जापान में प्रधानमंत्री शिगेरु ईशिबा पर इस्तीफे का दबाव, चुनाव में हार के बाद पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ा.
इस हफ्ते बाजार के लिए हर दिन भारी पड़ेगा — चाहे वो फेड का रेट फैसला हो, अमेरिकी आर्थिक आंकड़े, या बिग-टेक के नतीजे. एशियाई बाजारों में कमजोरी इस बात का संकेत है कि अब जोखिम से बचने की रणनीति अपनाई जा रही है. जैसा कि ETrade के क्रिस लार्किन ने कहा, ये हफ्ता बाजार की चाल तय कर सकता है — बनेगी तेजी या टूटेगी उम्मीदें”
Source: CNBC