FIIs ने 264 स्मॉलकैप्स में बढ़ाई हिस्सेदारी, 3 शेयर बने मल्टीबैगर! क्या आपके पास हैं ये स्टॉक्स?

2025 के पहले 6 महीनों में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) ने कई छोटे शेयरों में पैसा लगाया और उनका ये दांव सही साबित हुआ. जून तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक, FIIs ने करीब 264 स्मॉलकैप कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इनमें से तीन शेयरों ने जबरदस्त रिटर्न दिया है, जिससे ये सबकी नजर में आ गए हैं.

पहली कंपनी है Force Motors – ये वही कंपनी है जो Mercedes, BMW और Rolls Royce जैसी लग्जरी गाड़ियों के लिए इंजन बनाती है. इस साल इसके शेयर ने करीब 165% का रिटर्न दिया है. मतलब अगर आपने जनवरी में ₹1 लाख लगाए होते, तो जुलाई तक वो ₹2.65 लाख हो जाते. FIIs ने भी इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 8.36% से बढ़ाकर 9.77% कर दी है.
दूसरी कंपनी Camlin Fine Sciences है, जो खास तरह के केमिकल बनाती है. इसने 125% का रिटर्न दिया है और FIIs ने इस शेयर में अपनी हिस्सेदारी लगभग दोगुनी करके 1.47% से बढ़ाकर 2.88% किया. तीसरी कंपनी Gabriel India है, जो गाड़ियों के लिए सस्पेंशन और दूसरे पार्ट्स बनाती है. इसने 107% का रिटर्न दिया है और FIIs ने इसमें भी अपनी हिस्सेदारी 5.23% से 5.97% तक बढ़ा ली.

इन उदाहरणों से एक बात साफ है- जहां FIIs ने निवेश किया, उन शेयरों ने शानदार रिटर्न किया. इसका मतलब ये नहीं कि हर बार ऐसा ही होगा, लेकिन ये जरूर दिखाता है कि बड़े निवेशक जब किसी कंपनी को चुनते हैं, तो उसके पीछे रिसर्च और स्ट्रेटजी होती है. अब रिटेन निवेशक भी इन्हीं कंपनियों पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि वो अगली बड़ी तेजी का हिस्सा बन सकें.

FIIs की हिस्सेदारी वाले 17 स्टॉक्स ने 50% या उससे ज्यादा रिटर्न दिया

सफलता की कहानी यहीं खत्म नहीं होती. FIIs के सपोर्ट वाले कम से कम 17 ऐसे शेयर हैं, जिन्होंने 2025 में 50% या उससे ज्यादा रिटर्न दिया है. इन शेयरों में Lumax Auto Technologies ने 77%, Authum Investment & Infrastructure ने 69% और RBL Bank ने 65% का रिटर्न दिया है. ऑटोमोटिव सेक्टर FIIs की खास पसंद बन गया है. कई ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां इस लिस्ट में हैं जो अच्छा मुनाफा दे रही हैं. जैसे Lumax Industries ने 66% की तेजी दिखाई. Federal-Mogul Goetze India का शेयर भी 55% बढ़ा, हालांकि FIIs ने इसमें बहुत कम हिस्सा बढ़ाया. Apollo Micro Systems में FIIs ने अपनी हिस्सेदारी सबसे ज्यादा बढ़ाई. यह बढ़कर 0.93% से 7.16% हो गई और कंपनी के शेयर में 56% का रिटर्न दिया.

FIIs ने अलग-अलग सेक्टर्स में किया निवेश

डिफेंस एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों ने भी FIIs का ध्यान खींचा है. PSU डिफेंस कंपनी GRSE ने 60% रिटर्न दिया और FIIs की हिस्सेदारी 3.85% से बढ़कर 5.33% हो गई. Bharat Dynamics का शेयर 53% बढ़ा और विदेशी निवेशकों का हिस्सेदारी 3.77% तक पहुंच गई.
फाइनेंसियल सर्विस का सेक्टर भी FIIs के लिए महत्वपूर्ण बन गया है. RBL Bank के शेयर में 65% की बढ़ोतरी हुई और FIIs की हिस्सेदारी 14.43% से बढ़कर 17.56% तक पहुंच गई. Cholamandalam Financial Holdings ने भी 52% का रिटर्न दिया और FIIs की हिस्सेदारी 18.32% हो गई. कुछ कंपनियों में FIIs की हिस्सेदारी थोड़ी बढ़ी, लेकिन रिटर्न अच्छे मिले. जैसे Navin Fluorine International का शेयर 53% बढ़ा, जबकि FIIs का हिस्सा सिर्फ 1.39% बढ़ा. स्पेशियलिटी केमिकल्स कंपनी Shankara Building Products ने भी 53% रिटर्न दिया और FIIs की हिस्सेदारी दोगुनी होकर 5.69% से 10.55% हो गई.
हेल्थकेयर सेक्टर में भी FIIs ने निवेश बढ़ाया है. Narayana Hrudayalaya ने 51% का रिटर्न दिया और FIIs की हिस्सेदारी 10.46% हो गई. यह दिखाता है कि विदेशी निवेशक कई अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश कर रहे हैं. FIIs की स्मॉलकैप निवेश स्ट्रेटजी खासतौर पर ऑटो पार्ट्स, फाइनेंशियल सर्विसेज, स्पेशल्टी केमिकल्स, डिफेंस और हेल्थकेयर सेक्टर्स पर केंद्रित है. ये सेक्टर्स भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और ग्रोथ से जुड़े हैं. लेकिन हर निवेश सफल नहीं होता. कुछ बड़े नाम जैसे Advanced Enzyme Technologies का शेयर 4.36% गिर गया, जबकि FIIs ने इसमें अपनी हिस्सेदारी 11.55% बढ़ाकर 23.45% कर दी. यह दिखाता है कि यहां तक कि अनुभवी विदेशी निवेशक भी बाजार की उतार-चढ़ाव से पूरी तरह सुरक्षित नहीं होते.

कहां करें निवेश? जानें ब्रोकरेज Emkay Global की राय

डोमेस्टिक ब्रोकरेज फर्म Emkay Global ने हाल ही में अपने मॉडल पोर्टफोलियो को अपडेट किया है, जिसमें अब स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स को शामिल किया गया है और बड़े कैप होल्डिंग्स को कम किया गया है. ब्रोकरेज फर्म ने अपने मॉडल पोर्टफोलियो में 40% हिस्सा पांच स्मॉल और मिडकैप शेयरों को दिया है. ये शेयर Bikaji Foods, Motilal Oswal, Shriram Pistons, Metropolis Healthcare और Voltas हैं. एनालिस्ट कहते हैं कि मिडकैप कंपनियां लंबे समय में स्मॉल कैप कंपनियों से बेहतर साबित होती हैं. मिडकैप कंपनियां ज्यादा मजबूत और स्टेबल होती हैं, इसलिए उनमें निवेश करना स्मॉल कैप के मुकाबले थोड़ा सुरक्षित होता है. वहीं स्मॉल कैप कंपनियों में जल्दी तेजी आ तो हो सकती है, लेकिन वे ज्यादा जोखिम भरी और अस्थिर होती हैं.
कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि हाल के महीनों में बाजार में तेजी आई है, इसलिए शेयर अब बहुत सस्ते नहीं रहे. बड़े शेयर पहले से महंगे हैं और स्मॉल कैप और मिडकैप शेयर भी थोड़ा महंगे हो गए हैं. लेकिन मिडकैप कंपनियों की कमाई बढ़ रही है, इसलिए उनका थोड़ा महंगा होना सही भी है. अब निवेशक ऐसे दौर में हैं जहां बाजार हर कंपनी के शेयर को नहीं बढ़ाएगा. भविष्य में अच्छा निवेश करने के लिए यह देखना जरूरी होगा कि कंपनी का बिजनेस कितना मजबूत है, उसकी कमाई लगातार बढ़ रही है या नहीं और उसका मैनेजमेंट कैसा काम कर रहा है.

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दिए गए सुझाव, राय और विचार एक्सपर्ट्स के अपने निजी हैं. इनका द इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. आप किसी भी निवेश से पहले अपनी जांच-पड़ताल जरूर करें या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.

Source: Economic Times