2025 में सेंसेक्स और निफ्टी में केवल 3.5% की बढ़ोतरी हुई है, जो ग्लोबल बाजारों की तुलना में काफी कम है. अमेरिका का S&P 500 और नैस्डैक 12% बढ़े, यूरोप के FTSE 100, CAC और DAX 20% से ज्यादा उछले, जापान का निक्केई 18% और हॉन्गकॉन्ग का हैंग सेंग 29% बढ़ा. चीन का CSI 300 भी 10% ऊपर है.
क्या कह रहे एक्सपर्ट्स?
एसबीआई सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल का कहना है कि अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता और अनिश्चितता की वजह से निवेशक भारत से पैसा निकाल रहे हैं. चीन अब निवेशकों को बेहतर अवसर दे रहा है. वहीं, इक्विरस एसेट मैनेजमेंट के साहिल शाह ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका की नीतियां भारत के खिलाफ गईं, तो निर्यात पर असर पड़ सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
वैल्युएशन और रणनीति
भारतीय शेयर बाजार 20 गुना एक साल के भावी आय पर कारोबार कर रहा है, जो 10 साल के औसत 19.3 गुना से ज्यादा है. तुलना में, MSCI India 21.6 गुना और MSCI चीन 11.7 गुना पर है.
प्राइमरी मार्केट में रुझान
हालांकि सेकेंडरी मार्केट में बिकवाली हो रही है, लेकिन प्राइमरी मार्केट में विदेशी निवेशक सक्रिय हैं. IPO में 15-20% की लिस्टिंग प्रॉफिट मिल रहा है, जो निवेशकों को आकर्षित कर रहा है. कुछ IPO के अनूठे बिजनेस मॉडल लंबी अवधि के निवेश को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं.
एसआईटी सी. मेहता इनवेस्टमेंट के सिद्धार्थ भामरे का कहना है कि अगले दो-तीन तिमाहियों में भारतीय बाजार में ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद कम है. वे सतर्क और रक्षात्मक रणनीति अपनाने की सलाह देते हैं.
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Source: CNBC