विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने मंगलवार को ₹2,854 करोड़ के शेयर बाजार से निकाले। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹5,908 करोड़ की खरीदारी की। प्रोविजनल डेटा के मुताबिक, DIIs ने कुल ₹15,704 करोड़ के शेयर खरीदे और ₹9,796 करोड़ की बिकवाली की। वहीं, FIIs ने ₹17,063 करोड़ के शेयर खरीदे, लेकिन ₹19,917 करोड़ के शेयर बेच डाले।
साल 2025 की बात करें तो अब तक FIIs ने कुल ₹1.27 लाख करोड़ के शेयर शुद्ध रूप से बेचे हैं, जबकि DIIs की कुल शुद्ध खरीदारी ₹2.86 लाख करोड़ तक पहुंच गई है।
सेंसेक्स 636 अंक टूटा
भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स मंगलवार को जोरदार गिरावट के साथ बंद हुए। NSE का निफ्टी 50 इंडेक्स 174 अंकों की गिरावट के साथ 24,543 पर बंद हुआ। वहीं, BSE सेंसेक्स 636 अंक टूटकर 80,738 के स्तर पर आ गया। बाजार में कमजोरी केवल लार्जकैप तक सीमित नहीं रही; मिडकैप शेयरों में भी दबाव दिखा। Nifty Midcap 100 इंडेक्स 0.45% की गिरावट के साथ 57,517 पर बंद हुआ।
बैंकिंग शेयरों में मुनाफावसूली
Nifty Bank ने शुरुआती ट्रेडिंग में 56,161 का रिकॉर्ड हाई छुआ था, लेकिन दिन के अंत में यह 303 अंक गिरकर 55,600 पर आ गया। दिन के दौरान वित्तीय शेयरों में तेज मुनाफावसूली देखने को मिली, जिससे बैंकिंग इंडेक्स पर दबाव बना रहा।
किन शेयरों में तेजी-गिरावट
निफ्टी के 50 में से करीब 45 शेयर लाल निशान में बंद हुए। सबसे बड़ी गिरावट अदाणी पोर्ट्स, बजाज फिनसर्व, अदाणी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया और पावर ग्रिड में देखने को मिली। दूसरी ओर, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, श्रीराम फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज ऑटो और सिप्ला जैसे शेयरों ने थोड़ी राहत दी।
क्या कहते हैं जानकार
PL कैपिटल के हेड ऑफ एडवाइजरी विक्रम कसाट के मुताबिक, “भारतीय बाजार मंगलवार को वैश्विक व्यापार तनावों और हैवीवेट शेयरों में प्रॉफिट बुकिंग की वजह से कमजोर रहे। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से रेट कट की संभावनाओं ने कुछ हद तक सपोर्ट दिया, लेकिन बाजार की धारणा अब भी सतर्क बनी हुई है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि सेक्टोरल परफॉर्मेंस में बड़ा अंतर देखने को मिला। रियल्टी और मेटल सेक्टर ने जहां मजबूती दिखाई, वहीं अन्य सेक्टरों में कमजोरी हावी रही।
Source: MoneyControl