जून तिमाही में, विदेशी निवेशकों ने रक्षा, तेल एवं गैस, जहाज निर्माण और औद्योगिक वित्त जैसे क्षेत्रों में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में ज़्यादा निवेश किया है. ऐसे में हम आपको उन 4 पीएसयू कंपनियों के स्टॉक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें पिछले कुछ क्वार्ट्स से एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया है.
Bharat Electronics
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) भारत की जानी-मानी डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी है और भारतीय सेना को इक्विपमेंट सप्लाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह कम्युनिकेशन इक्विपमेंट, रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉर सिस्टम्स और एवियोनिक्स जैसे प्रमुख सिस्टम का डिज़ाइन और निर्माण करती है.
दिसंबर 2024 और जून 2025 के बीच स्टॉक में FII ने अपनी हिस्सेदारी को 1.2 प्रतिशत तक बढ़ाया है. जून 2025 में यह हिस्सेदारी 18.56 प्रतिशत हो गई है. कंपनी को वर्ष के दौरान 35,000 करोड़ रुपये से अधिक के नए ऑर्डर मिले हैं. इसके परिणामस्वरूप, इसकी ऑर्डर बुक वित्त वर्ष 2024 के 65,300 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 76,000 करोड़ रुपये की हो गई है, जो कि 16% की वृद्धि है.
Cochin Shipyard
कोचीन शिपयार्ड भारत की सबसे बड़ी सरकारी स्वामित्व वाली जहाज निर्माण कंपनी है. हालाँकि यह मुख्य रूप से डिफेंस प्रोजेक्ट पर केंद्रित है, लेकिन अब यह जहाज मरम्मत सेवाएँ, जहाज निर्यात, ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ साझेदारी करके अपने बिजनेस का विस्तार कर रही है. दिसंबर 2024 और जून 2025 के बीच स्टॉक में एफआईआई में अपनी हिस्सेदारी को 1 प्रतिशत तक बढ़ाया है, जो जून 2025 की तिमाही में 3.9 प्रतिशत हो गई है.
कंपनी के ऑर्डर का मोमेंटम भी अच्छा बना हुआ है. कोचीन शिपयार्ड को पोलस्टार मैरीटाइम से दो शक्तिशाली टगबोट बनाने का नया ऑर्डर मिला है. इसके अलावा, उसे अपनी सहायक कंपनी हुगली कोचीन शिपयार्ड के माध्यम से लग्ज़री रिवर क्रूज़ शिप बनाने का भी एक और ऑर्डर मिला है.
Garden Reach Shipbuilders & Engineers
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) एक सरकारी स्वामित्व वाली डिफेंस कंपनी है जो भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के लिए युद्धपोत, गश्ती नौकाएँ बनाती है. इस स्टॉक में एफआईआई भी अपनी दिलचस्पी ले रहे हैं. इस स्टॉक में FII की हिस्सेदारी मार्च 2025 के 3.9% से बढ़कर जून 2025 में 5.3% हो गई है.
भविष्य की ओर देखते हुए, जीआरएसई के पास कई ऑर्डर हैं. उसे अगली पीढ़ी के कॉर्वेट, बड़े सर्वेक्षण पोत और तेज़ गश्ती पोत जैसे एडवांस वॉरशिप के लिए नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. 70,000 करोड़ मूल्य की पी-17 ब्रावो प्रोजेक्ट और 32,000 करोड़ मूल्य के माइन काउंटरमेज़र वेसल्स जैसे बड़े कॉन्ट्रैक्ट की भी योजना बनाई जा रही है.
Mazagon Dock Shipbuilders
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स भारत के शीर्ष सरकारी स्वामित्व वाले शिपयार्डों में से एक है. यह भारतीय नौसेना के लिए पनडुब्बियों और प्रमुख वॉरशिप के निर्माण में विशेषज्ञता रखता है. दिसंबर 2024 और जून 2025 के बीच स्टॉक में एफआईआई की हिस्सेदारी 1 प्रतिशत तक बढ़ी है. जो कि जून 2025 की तिमाही में 2.6 प्रतिशत हो गई है.
वित्त वर्ष 25 के आखिर में, एमडीएल के पास 32,000 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक थी. पीएसयू कंपनी के लिए आगे भी बड़े अवसर सामने आ रहे हैं. अगर यह दो प्रमुख पनडुब्बी प्रोजेक्ट – प्रोजेक्ट-75 (अतिरिक्त) और प्रोजेक्ट-75 (I) – जीत लेती है, तो वित्त वर्ष 26 में इसकी कुल ऑर्डर बुक 1.2 लाख करोड़ को पार कर सकती है.
Source: Economic Times