Experts Views: आजकल शेयर बाजार का मनोबल हिला हुआ है। कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहद खऱाब आ रहे हैं। विदेशी निवेश तीन महीने में जितने खऱीदे उतने से ज्यादा एक महीने में बेच के लिए निकल गए। UK के साथ एतिहासिक ट्रेड डील हुई। फिर भी बाजार पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। आखिर चल क्या रहा है। कब तक ये माहौल रहेगा? आइए जानते है क्या कहते है बाजार जानकार।
पाइपर सेरिका के फाउंडर & फंड मैनेजर अभय अग्रवाल ने कहा कि मार्च तक बाजार में कमजोरी थी जिसके बाद हमने रिकवरी देखी। बाजार की रिकवरी के बाद जिसने भी प्रॉफिट बनाया वह अब अपना प्रॉफिट बुक रहा है। अब तक के आए कंपनियों के तिमाही नतीजों में बहुत कुछ आउटपरफॉर्मेंस नहीं है। बाजार में तेजी के लिए नियरटर्म ट्रिगर नहीं है। अच्छे मॉनसून से रूरल इकोनॉमी पिकअप करेगी लेकिन उसका इंपेक्ट हमें अगले क्वांटर में दिखेगें। लेकिन अभी Q1 में आ रहे नतीजे निराशाजनक रहे है।
बाजार का मूड़ माहौल ऐसा बन गया है कि लोग सिर्फ निगेटिव खबरों पर ही ध्यान दे रहे हैं। बाजार में आया करेक्शन हमें टेक्निकल करेक्शन के लिहाज से देखना चाहिए। जिन कंपनियों ने अच्छे नतीजे पेश किए है उनमें निवेश करें। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि बाजार में डेली और वीकली मोमेंटम को नजरअंदाज कर अच्छे मौके कहां बन रहे है उन ट्रेंड को पकड़ना चाहिए।
रॉकस्टड कैपिटल अभिषेक अग्रवाल का कहना है कि बाजार काफी समय से अनसर्टेनिटी से डील कर रहा है। जियोपॉलिटिकल टेंशन, टैरिफ वॉर जैसे कई फैक्टर्स से बाजार डील कर रहा था। इसमें यह होता है कि जब भी कोई पैसे कहीं किसी भी मार्केट में लगने है और वहां अनिश्चितता आएगी तो लोगों ग्रोथ को साइडलाइन कर सेफ्टी की तरफ बढ़ना पसंद करते है। ऐसे में जब लोग सेफ्टी की तरफ जाने लगे तो यूएस ट्रेजरी, मोस्ट नेचुरल प्लेस बन जाता है और वहां पर डॉलर में मजबूती आ जाती है क्योंकि पूरी ग्लोबल करेंसी डॉलर में मूव करती है। अभी के लिए बाजार में लोग ग्रोथ को पूरी तरह से साइडवेज कर रहे है।
मुझे नहीं लगता कि रिजल्ट इतने खराब आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉमेस्टिक लेवल पर नया इनफ्लो ना आने, ग्लोबल ट्रेंड में अनसर्टेनिटी, जिओपॉलिटिकल रिस्क या जिओपॉलिटिकल पॉलिसी फ्रेमवर्क कह लें, इन सभी सारी चीजों के मिश्रण के वजह से मार्केट एक तरफ से लॉक हो गया है। निफ्टी 25,000 के आसपास दायरे में लॉक हो चुकी है और कोई पॉजिटीव खबर नहीं आ रही है। बाजार केवल बच कर चल रहा है। जनवरी से अब तक निफ्टी ने 10% से 12% का रिटर्न दिया है जो काफी अच्छा है।
ग्लोबल फ्रेमवर्क में देखें तो बीते 6 महीनों से बाजार में जिस तरह का सिनेरियो बना हुआ है उसमें भारतीय बाजार ने अच्छा किया है। लेकिन पैसे बनाने की बात कहेंगे या यहां से तेजी की बात कहेंगे तो अभी बाजार में कंसोलिडेशन फेस बना हुआ है और मुझे नहीं लगता है कि यह इमीडिएटली हमें कोई अपट्रेंड मिलेगा। अभिषेक अग्रवाल के मुताबिक बाजार सीमित दायरे में घूमता नजर आएगा।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
Source: MoneyControl