जांच के अनुसार, Myntra और उसकी संबंधित कंपनियों पर मल्टी ब्रांड रिटेल ट्रेड (MBRT) को ‘थोक कैश एंड कैरी’ व्यापार के रूप में दिखाकर विदेशी निवेश नीति का उल्लंघन करने का आरोप है.
जांच में क्या मिला?
ED की जांच में सामने आया है कि Myntra ने विदेशी निवेशकों से यह रकम ‘Wholesale Cash and Carry’ व्यवसाय के नाम पर हासिल की थी. इन सामानों को आखिरी कंज्यूमर तक पहुंचाने का काम M/s. Vector E-Commerce Pvt. Ltd. के जरिए किया गया, जो Myntra से जुड़ी हुई कंपनी है.
यह दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप से जुड़ी हैं. जांच में यह भी पता चला कि Myntra ने B2B मॉडल को दर्शाते हुए FDI प्राप्त की, लेकिन असल में यह B2C यानी खुदरा कारोबार में लगी हुई थी.
FEMA और 2010 में हुए FDI संशोधनों के अनुसार, एक ही समूह की कंपनियों को केवल 25% तक की बिक्री की अनुमति होती है. लेकिन Myntra ने इस सीमा का उल्लंघन करते हुए विदेशी कैपिटल का इस्तेमाल रिटेल बिजनेस के लिए किया. इस आधार पर FEMA की धारा 6(3)(b) और 2010 की कंसोलिडेटेड FDI नीति का उल्लंघन माना गया है. ED ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए FEMA की धारा 16(3) के तहत संबंधित प्राधिकरण के समक्ष शिकायत दर्ज की है.
Source: CNBC