Dixon Tech Shares: वैश्विक ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए के बुलिश रुझान पर डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयर आज रॉकेट बन गए। सीएलएसए ने इसकी हाई कनविक्शन आउटपरफॉर्म रेटिंग को बरकरार रखा है और इसकी वजह दो अहम एग्रीमेंट हैं। इस कारण निवेशक इसके शेयरों पर टूट पड़े। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया लेकिन अब भी मजबूत स्थिति में है। आज बीएसई पर यह 1.76% की बढ़त के साथ ₹16,097.20 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 3.86% उछलकर ₹16,428.00 तक पहुंच गया था। ब्रोकरेज फर्म ने ग्रोथ इंजन के चलते इसके शेयरों में निवेश के लिए टारगेट प्राइस ₹19,000 फिक्स किया है। एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 23 जुलाई 2024 को यह एक साल के निचले स्तर ₹10,613.00 पर था जिससे पांच ही महीने में यह 80.43% उछलकर रिकॉर्ड हाई ₹19,149.80 पर पहुंच गया था।
किन वजहों से CLSA है Dixon Tech पर बुलिश?
डिक्सन टेक ने कुंशान क्यू टेक माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स (भारत) और उसके शेयरहोल्डर्स के साथ क्यू टेक इंडिया में 51% हिस्सेदारी के प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए एक बाइंडिंग टर्म शीट पर साइन किया है। यह अधिग्रहण डिक्सन के प्राइमरी और सेकंडरी निवेश के जरिए होगा। इसके जरिए कंपनी का लक्ष्य मोबाइल हैंडसेट के लिए कैमरा और फिंगरप्रिंट मॉड्यूल, इंटरनेट ऑफ थिंग्स सिस्टम और ऑटोमोटिव एप्लीकेशंस को बनाने और बिक्री का है। क्यू टेक की हर महीने करीब 40 लाख यूनिट कैमरा मॉड्यूल बनाने की क्षमता है।
इसके अलावा डिक्सन ने 74:26 ओनरशिप रेश्यो में ज्वाइंट वेंचर के लिए चोंगकिंग युहाई प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (Chongqing Yuhai Precision Manufacturing Co.) के साथ एक बाइंडिंग टर्म शीट पर साइन किया है। यह ज्वाइंट वेंचर लैपटॉप, मोबाइल फोन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ऑटोमोटिव और अन्य प्रोडक्ट्स के लिए प्रिसिशन कंपोनेंट्स बनाएगी।
सीएलएसए का अनुमान है कि डिस्प्ले मॉड्यूल्स के लिए एचकेसी के साथ मौजूदा ज्वाइंट वेंचर के अलावा अभी जो दो एग्रीमेंट हुए हैं, उससे स्मार्टफोन में डिक्सन का वैल्यू एडीशन मौजूदा 15-17% से बढ़कर करीब 45-55% पर पहुंच गया। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक इससे कंपनी का मार्जिन 1.50-2 पर्सेंटेज प्वाइंट बढ़ सकता है और एक्सटर्नल सेल्स के जरिए रेवेन्यू का एक और रास्ता खुल सकता है।
बाकी ब्रोकरेज फर्मों का क्या है रुझान?
जेपीमॉर्गन ने ₹17,700 के टारगेट प्राइस पर इसे ओवरवेट रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि अधिग्रहण और ज्वाइंट वेंचर से कमाई की बढ़ेगी। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि अगर सौदा सितंबर तिमाही तक हो जाता है तो वित्त वर्ष 2026 में कंपनी के रेवेन्यू/EPS में 2-3% और वित्त वर्ष 2027 में रेवेन्यू/EPS में 3-4% की बढ़ोतरी हो सकती है। जेपीमॉर्गन के मुताबिक इससे कंपनी का मार्जिन भी बढ़ सकता है।
नोमुरा ने तो इसे ₹21,409 के टारगेट प्राइस पर खरीदारी की रेटिंग दी है। नोमुरा का कहना है कि क्यू टेक इंडिया के जरिए कैमरा मॉड्यूल में डिक्सन की एंट्री से इसका ईपीएस करीब 5% बढ़ सकता है।
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Source: MoneyControl