कंपनी ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि स्पार्क एवेंडस की एक punching error के कारण बड़े सौदे में 6 करोड़ शेयरों का ट्रांजेक्शन हुआ, जबकि 2.5 करोड़ शेयरों का लेन-देन होना था.
इससे पहले CNBC-TV18 ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि कंपनी के प्रमोटर्स अशोक बूब और कृष्णा बूब ब्लॉक डील्स के जरिए कंपनी में अपनी 24% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं. इस बिक्री से कंपनी को ₹2,626 करोड़ जुटाने का अनुमान है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे का फ्लोर प्राइस ₹1,030 प्रति शेयर तय किया गया है, जो बुधवार के क्लोजिंग प्राइस से 13% कम है.
किसके पास कितनी हिस्सेदारी?
30 जून तक क्लीन साइंस में प्रमोटर्स की कुल हिस्सेदारी 74.97% थी. इनमें से अशोक बूब के पास 12.8%, कृष्णा बूब के पास 2.6%, और कृष्णकुमार रामनारायण बूब HUF के पास 3.04% हिस्सेदारी थी.
कंपनी के जून तिमाही नतीजों में कमाई 8% बढ़कर ₹240 करोड़ रहा, EBITDA में 5% की ग्रोथ हुई और नेट मुनाफा 6% बढ़ा. हालांकि, कंपनी का मार्जिन 41.7% पर आ गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 42.8% था.
गुरुवार को क्लीन साइंस का शेयर 1.81% गिरकर ₹1,159.40 पर ट्रेड कर रहा था. गौरतलब है कि अपने आईपीओ प्राइस ₹900 प्रति शेयर से यह स्टॉक अब भी 31% ऊपर है, लेकिन लिस्टिंग हाई ₹1,643 से अब तक इसमें 28% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है.
Source: CNBC