ओबेसिटी एक प्रायोरिटी एरिया के रूप में उभर रहा है और हम भारत में वेट मैनेजमेंट सेक्टर में प्रवेश की स्पष्ट रणनीति के साथ तैयारी कर रहे हैं, जिससे इलाज की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके.” भारत में मोटापा और मधुमेह (डायबिटीज़) से निपटने के बढ़ते बाज़ार को देखते हुए कई घरेलू दवा कंपनियां वजन घटाने की दवाओं के डेवलपमेंट में लगी हुई हैं.
कई कंपनियों ने लॉन्च की दवा
अमेरिकी कंपनी Eli Lilly & Co पहले ही भारत में अपनी एंटी-ओबेसिटी दवा Mounjaro लॉन्च कर चुकी है. डेनमार्क की फार्मा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क (Novo Nordisk) ने भी अपनी दवा वेगोवी (Wegovy) भारत में पेश की है, जो लॉन्ग टर्म क्रोनिक वेट मैनेजमेंट और हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने के लिए उपयोग की जाती है.
क्या है कंपनी की प्लान
CNS सेगमेंट में सिप्ला ने सैनोफी (Sanofi) के भारत में उपलब्ध प्रोडक्ट को इन-लाइसेंस किया है, जिनमें मिर्गी की दवा Frisium प्रमुख है. वोहरा ने बताया कि कंपनी अब ADHD (अटेंशन डेफिसिट हायपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) और पार्किंसन रोग जैसे विशेष उपचार क्षेत्रों में भी ऐसे ही लाइसेंसिंग डील या अधिग्रहण की योजना बना रही है.
इसके साथ ही कंपनी एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) की वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए भी प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया “हमारा AMR पोर्टफोलियो अब मात्र उत्पादन आधारित नहीं बल्कि इनोवेशन आधारित हो रहा है, जिसमें चार नई दवाएं विकासाधीन हैं.”
Source: CNBC