लंबे समय से चीन का अध्ययन करने वाले एनालिस्ट के हवाले से ब्लूमबर्ग ने लिखा कि बाजार के स्ट्रक्चर में गड़बड़ी है. 35 साल पहले शुरू हुए शेयर बाजार का मकसद सरकारी कंपनियों को सड़कें, पोर्ट्स और कारखाने बनाने के लिए घरेलू बचत का इस्तेमाल करना था. इसमें निवेशकों को रिटर्न देने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया. इससे शेयरों की अधिक सप्लाई और लिस्टिंग का चलन बढ़ता गया, जो 11 ट्रिलियन डॉलर के बाजार पर दबाव डाल रही हैं.
राष्ट्रपति शी जिनपिंग 5% आर्थिक ग्रोथ के लक्ष्य के लिए घरेलू खपत बढ़ाने पर निर्भर हैं. खासकर जब अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन पर टैरिफ वॉर तेज हो रहा है.
एक्सपर्ट्स इस समस्या पर क्या कह रहे?
इस रिपोर्ट में चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ पॉलिटिकल साइंस एंड लॉ के प्रोफेसर लियू जिपेंग ने कहा, “चीन का कैपिटल मार्केट फाइनेंसरों के लिए स्वर्ग और निवेशकों के लिए नरक रहा है. नए सिक्योरिटीज प्रमुख ने कुछ सुधार किए हैं, लेकिन रेगुलेटर और एक्सचेंज हमेशा फाइनेंसिंग पक्ष की ओर झुकते हैं.”
कैसा रहा है चीन के बाजार का प्रदर्शन
इस साल CSI 300 इंडेक्स में 7% से कम की ग्रोथ हुई. अमेरिका और यूरोप के बाजारों की तुलना में यह काफी कम है. यह कमजोर प्रदर्शन और अनिश्चित आर्थिक स्थिति के कारण चीन की बचत दर 35% तक पहुंच गई है. एसेट मैनेजमेंट में काम करने वाले चेन लॉन्ग ने सोशल मीडिया पर चेतावनी दी कि हाल के उछाल का पीछा करने वाले ज्यादातर लोग नुकसान उठाते हैं. उन्होंने कहा, “सरकारी कंपनियां सरकार के प्रति जवाबदेह हैं, न कि शेयरधारकों के. कई प्राइवेट कंपनियों के प्रोमोटर छोटे निवेशकों की परवाह नहीं करते.”
इसे सुधारने की क्या कोशिश हुई?
पिछले साल से चीन की सरकार शेयर बाजार को संपत्ति का जरिया बनाने की अहमियत समझ रहा है. प्रॉपर्टी मार्केट की मंदी और सामाजिक सुरक्षा की कमी से असुरक्षा बढ़ी है. दिसंबर में कम्युनिस्ट पार्टी की पोलितब्यूरो ने “हाउसिंग और शेयर बाजार को स्थिर करने” का वादा किया. जुलाई में इसे और आकर्षक बनाने की बात कही गई.
क्या है चीन की चुनौतियां?
लोटस एसेट मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी हाओ होंग ने कहा, “घरेलू आत्मविश्वास बढ़ाने का एकमात्र तरीका शेयर बाजार में उछाल है.” लेकिन बाजार की समस्याएं दशकों पुरानी हैं. चाइना चीफ इकोनॉमिस्ट फोरम के चेयरमैन लियान पिंग ने कहा, “एक्सचेंज सरकार की फंडिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रेरित हैं, लेकिन निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए प्रेरणा कम है.”
IPO और धोखाधड़ी
2022 में चीन दुनिया का सबसे बड़ा IPO बाजार था, लेकिन शेयरधारकों के लिए अपर्याप्त सुरक्षा और IPO धोखाधड़ी की ढीली निगरानी से शेयर कीमतें गिर गईं और कई कंपनियां डीलिस्ट हो गईं. उदाहरण के लिए, बीजिंग ज़ुओजियांग टेक्नोलॉजी, जो 2019 में लिस्ट हुई, ने 2023 में दावा किया कि उसका प्रोडक्ट Nvidia के समान है. लेकिन 2024 में खुलासा उल्लंघन की जांच के बाद यह शेन्ज़ेन एक्सचेंज से डीलिस्ट हो गई.
हालांकि, हाल के साल में खराब क्वॉलिटी वाले IPO की जांच और वित्तीय धोखाधड़ी पर कार्रवाई बढ़ी है. लिस्टेड कंपनियां अतिरिक्त शेयर जारी करने और प्रमुख शेयरधारकों की बिक्री को कम करने की कोशिश हो रही है. 2024 में शंघाई और शेन्ज़ेन की कंपनियों ने 2.4 ट्रिलियन युआन (334 बिलियन डॉलर) का कैश डिविडेंड दिया, जो पिछले साल से 9% ज्यादा है.
Source: CNBC