अगस्त 2024 में लिस्ट हुई इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी सीगल इंडिया, हिमाचल प्रदेश PWD, शिमला के खिलाफ 19.36 करोड़ रुपये का एक आर्बिट्रेशन अवॉर्ड जीत गई है। मामला हिमाचल प्रदेश में कंदरौर पुल और हमीरपुर के बीच NH-88 (अब NH-103) के चौड़ीकरण, स्ट्रेंथनिंग और जियोमेट्रिक इंप्रूवमेंट से जुड़े रोड प्रोजेक्ट से संबंधित है।
ट्राइब्यूनल ने 4 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी 9% सालाना की दर से भविष्य के ब्याज के साथ सीगल इंडिया के पक्ष में आर्बिट्रेशन अवॉर्ड मंजूर किया है। कंपनी ने कहा कि इससे उसकी वित्तीय स्थिति पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। मध्यस्थता, संबंधित प्रोजेक्ट के सेक्शन-III से जुड़ी थी।
सीगल इंडिया BSE और NSE पर 8 अगस्त 2024 को लिस्ट हुई थी। इसका 1,252.66 करोड़ रुपये का IPO 14 गुना भरा था। IPO प्राइस 401 रुपये था लेकिन अब इसका शेयर इस प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहा है। शेयर शुक्रवार, 4 जुलाई को बीएसई पर 269 रुपये पर बंद हुआ। यह कीमत IPO प्राइस से 33 प्रतिशत कम है। वहीं लिस्टिंग के दिन बीएसई पर शेयर के क्लोजिंग प्राइस 386.05 रुपये से वर्तमान कीमत 30 प्रतिशत कम है।
कंपनी का मार्केट कैप 4700 करोड़ रुपये के करीब है। शेयर 6 महीनों में 21 प्रतिशत नीचे आया है। वहीं केवल 2 सप्ताह में 10 प्रतिशत चढ़ा है। शेयर ने बीएसई पर अभी तक 425 रुपये का रिकॉर्ड हाई और 229 रुपये का रिकॉर्ड लो देखा है। सीगल इंडिया में मार्च 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 82.06 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
कंपनी का जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में स्टैंडअलोन बेसिस पर रेवेन्यू 991.82 करोड़ रुपये, शुद्ध मुनाफा 69.65 करोड़ रुपये और अर्निंग्स प्रति शेयर 4 करोड़ रुपये रही। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान शुद्ध मुनाफा 270.25 करोड़ रुपये, स्टैंडअलोन बेसिस पर रेवेन्यू 3,384.78 करोड़ रुपये और अर्निंग्स प्रति शेयर 16 करोड़ रुपये दर्ज की गई।
हाल ही में सीगल इंडिया की सब्सिडियरी Ceigall Northern Ayodhya Bypass Private Limited को नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया से 1,199.30 करोड़ रुपये का रोड प्रोजेक्ट मिला है। कॉन्ट्रैक्ट में उत्तर प्रदेश में 35.40 किलोमीटर की कुल लंबाई के साथ 4/6 लेन नॉर्दर्न अयोध्या बाईपास का कंस्ट्रक्शन शामिल है।
Source: MoneyControl