Business Closing: FIIs-DIIs की खरीदारी, 3 महीने में 33% रिटर्न, अब बिजनेस बंद करने का एलान- रखें नज़र

एक्सचेंज के डेटा बताते हैं कि जून 2024 के मुकाबले मार्च 2025 में एफआईआई यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी बढ़ी है. उनकी हिस्सेदारी 5.93 फीसदी से बढ़कर 6.81 फीसदी हो गई है. ये 5 तिमाही में सबसे ज्यादा है. वहीं, डीआईआई की हिस्सेदारी इस दौरान 4.46 फीसदी से बढ़कर 10.6 फीसदी हो गई है. ये भी 5 तिमाही में सबसे ज्यादा है. अब कंपनी ने बिजनेस बेचने का एलान किया है.  शेयर बाजार बंद होने के बाद 11 जुलाई 2025 को कंबनी ने बताया कि एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि वह अमेरिका के जेनेरिक फार्मा बिजनेस से पूरी तरह से बाहर निकल रही है. कंपनी ने कहा कि यह फैसला उसके लंबी अवधि के इनोवेशन-बेस्ड विज़न के तहत लिया गया है.

ये कंपनी Wockhardt  है.अमेरिका में Wockhardt का जेनेरिक दवाओं का कारोबार लगातार घाटे में चल रहा था.FY2025 में इस बिजनेस को $8 मिलियन (लगभग ₹66 करोड़) का नुकसान हुआ.इसी को देखते हुए कंपनी ने कहा कि वह अब अपने संसाधनों को ‘हाई-इम्पैक्ट’ क्षेत्रों में लगाएगी, जहां फ्यूचर ग्रोथ की संभावनाएं ज़्यादा हैं. इसीलिए वह, अमेरिका के जेनेरिक फार्मा बिजनेस से पूरी तरह से बाहर निकल रही है. कंपनी ने कहा कि यह फैसला उसके लंबी अवधि के इनोवेशन-बेस्ड विज़न के तहत लिया गया है.
अब Wockhardt किन दो क्षेत्रों पर करेगा फोकस-नई एंटीबायोटिक दवाओं की खोज (New Antibiotic Drug Discovery) है. कंपनी ने इसमें वैश्विक लीडरशिप हासिल की है.इनके पास डिफरेंशिएटेड एसेट्स की मजबूत पाइपलाइन है.इंसुलिन आधारित बायोलॉजिकल पोर्टफोलियो है. कंपनी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है.डायबिटीज के इलाज में अधूरी जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान दे रही है.

अमेरिका में बिजनेस बंद करने की प्रक्रिया कैसे होगी-कंपनी ने अपनी दो अमेरिकी सब्सिडियरी कंपनियों- Morton Grove Pharmaceuticals Inc, Wockhardt USA LLC को स्वैच्छिक रूप से दिवालियापन (Chapter 7 of US Bankruptcy Code) के तहत बंद करने का फैसला लिया है.यह दोनों कंपनियां Wockhardt Bio AG की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाइयां हैं.यह कदम कंपनी को अमेरिका में अपने पुराने घाटे वाले बिजनेस से ‘क्लीन एग्ज़िट’ लेने और मैनेजमेंट फोकस व पूंजी को नई दिशा में लगाने में मदद करेगा.
दूसरे देशों में क्या जारी रहेगा Wockhardt का कारोबार
कंपनी ने साफ किया कि उसका फोकस अब भारत, ब्रिटेन, आयरलैंड और अन्य वैश्विक बाजारों पर रहेगा, जहां उसका कारोबार मजबूत प्रदर्शन कर रहा है.
निवेशकों ने इस फैसले को सकारात्मक रीस्ट्रक्चरिंग के रूप में देखा है.
Wockhardt अब घाटे वाले सेगमेंट से बाहर निकलकर अपने वैज्ञानिक अनुसंधान, इनोवेशन और एंटीबायोटिक लीडरशिप को नई ऊंचाई पर ले जाना चाहती है. अमेरिका के जेनेरिक कारोबार को बंद कर कंपनी भविष्य के हाई वैल्यू बिजनेस पर दांव लगा रही है – जो लॉन्ग टर्म में निवेशकों के लिए अच्छी खबर हो सकती है.

Source: CNBC