Stock Market Outlook : ब्रोकरेज हाउस पीएल कैपिटल ने अपने 12 महीने के लिए निफ्टी के टारगेट को बढ़ाकर 26,889 कर दिया है, जो निफ्टी को 15 साल के एवरेज पीई 18.5x पर 2.5% छूट के साथ वैल्यू करता है. पीएल कैपिटल का मानना है कि घरेलू फार्मा, चुनिंदा स्टेपल्स, बैंक, कैपिटल गुड्स, डिफेंस और पावर जैसे डोमेस्टिक सेक्टर इस दौरान बेहतर प्रदर्शन करेंगे. बाजार की तेजी में कुछ फैक्टर साथ देंगे :
फेस्टिव सीजन (अगस्त-अक्टूबर) से ब्रॉडर कंजम्पशन रिकवरी को बूस्ट मिलेगा और इसमें स्थिर महंगाई और बेहतर कंज्यूमर्स सेंटीमेंट का सपोर्ट मिलेगा.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश बढ़ने से प्राइवेट कैपेक्स में तेजी आ रही है.
कच्चे तेल की कीमतें ($65-75 प्रति बैरल) स्थिर रहने से फ्यूल इनफ्लेशन कंट्रो में रहेगी, जिससे लागत का दबाव और कम होगा.
बेहतर मानूसन के चलते अच्छी पैदावार, बफर स्टॉक जारी रहने और वैश्विक कीमतों में कमी आने के चलते जून 2025 तक फूड इनफ्लेशन निगेटिव (-1.1%) हो गया.
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सेक्टोरल आउटलुक और टॉप पिक्स
पीएल कैपिटल का मानना है कि डोमेस्टिक फोकस्ड सेक्टर अगले फेज में बाजार के प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. ब्रोकरेज हाउस बैंक, हेल्थकेयर, कंज्यूमर, टेलीकॉम, और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टर पर ओवरवेट है. जबकि आईटी सर्विसेज, सीमेंट, मेटल्स और ऑयल एंड गैस पर अंडरवेट है.
टॉप लार्जकैप पिक्स : आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), भारती एयरटेल (Bharti Airtel), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL), आईटीसी (ITC), टाइटन (Titan) और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank).
टॉप मिडकैप और स्मॉलकैप पिक्स : केईआई इंडस्ट्रीज, एस्ट्रल लिमिटेड और आईआरसीटीसी (IRCTC)
सरकार की नीतियों से मिल रहा है सपोर्ट
ब्रोकरेज का कहना है कि फाइनेंशियल ईयर 2026 की पहली तिमाही में, सरकारी कैपेक्स को प्राथमिकता दी गई, जिसमें अप्रैल में 61% और मई में 39% की प्रभावशाली ग्रोथ दर्ज की गई. इसका श्रेय नए प्रोजेक्ट ऑर्डर्स में मजबूत गति और डिफेंस खर्च में हुई महत्वपूर्ण बढ़ोतरी को जाता है.
साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 100 बेसिक अंकों की कटौती की और कैश रिजर्व रेश्यो में फैजवाइज 100 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है. इन कदमों का उद्देश्य सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाना और क्रेडिट ग्रोथ को प्रोत्साहित करना है. जिसमें वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 9.5% की ग्रोथ देखने को मिली.
पीएल कैपिटल के डायरेक्टर-रिसर्च, इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज, अमनिश अग्रवाल ने कहा कि हालांकि अभी पूरी तरह से रिकवरी शुरू नहीं हुई है, लेकिन टैक्स में राहत, सामान्य मानसून, कम होती महंगाई और कम ब्याज दरें कंजम्पशन बढ़ाने के लिए अनुकूल माहौल बना रही हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह बना हुआ है, और शहरी क्षेत्रों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, खासकर ऐच्छिक खर्च (विवेकाधीन सेग्मेंट) में. वित्त वर्ष 26-27 में भारत की ग्रोथ मजबूत सरकारी खर्च, बढ़ते निजी निवेश और कंज्यूमर्स के सेंटीमेंट में लगातार सुधार पर निर्भर करेगी.
कुछ और फैक्टी भी बाजार के लिए पॉजिटिव
महंगाई के ट्रेंड में सुधार दिख रहा है.
रूरल फ्लेक्सिबिलिटी, बेहतर मानसून
टैक्स राहत से शहरी और ग्रामीण कंजम्पशन को बढ़ावा
आरबीआई का रेट कट के साथ ग्रोथ पर फोकस
उत्पादन से प्राइवेट कैपेक्स में सुधार को सपोर्ट
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
Source: Financial Express