Bank Nifty: बैंक निफ्टी पहली बार 57,000 के पार, RBI के इन दो फैसलों से जोश में शेयर बाजार

Bank Nifty: बैकिंग शेयरों में सोमवार 9 जून को लगातार दूसरे दिन शानदार तेजी देखने को मिली। बैंकिंग सेक्टर के प्रमुख इंडेक्स, निफ्टी बैंक ने पहली बार 57,000 के ऐतिहासिक स्तर को पार कर लिया। कारोबार के दौरान इंडेक्स करीब 450 अंक उछलकर 57,049 के स्तर तक गया, जो अब इसका नया ऑलटाइम हाई है। यह तेजी भारतीय रिजर्व बैंक के दो फैसलों- रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में कटौती के ऐलान के बाद आया है।

RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने शुक्रवार 6 जून को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया था, जो शेयर बाजार की उम्मीदों से कहीं ज्यादा था। इसके साथ ही आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की योजना का ऐलान किया। इस कटौती को 4 चरणों में लागू किया जाएगा, जो 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर 2025 को होगी।

RBI के इस कदम से बैंकिंस सिस्टम्स में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त नकदी आने की उम्मीद है। इस फैसले का बैकिंग शेयरों पर साफ असर देखने को मिला। कोटक महिंद्रा बैंक, केनरा बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक के शेयर सोमवार को कारोबार के दौरान 1.5 से 2.5 फीसदी तक चढ़ गए।

निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स भी 0.8 फीसदी बढ़कर 28,067.95 पर पहुंच गया। इस इंडेक्स पर RBL बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बंधन बैंक टॉप गेनर्स रहे। वहीं, PSU बैंक इंडेक्स ने 1.2 फीसदी की उछाल दिखाई। यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक के शेयरों में 3 से 4 फीसदी तक तेजी रही।

मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक, RBI के मॉनिटरी पॉलिसी में ढील का अनुमान बाजार को पहले से था, लेकिन इस बार CRR में कटौती ने बाजार को असली सरप्राइज दिया है, जिससे बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी।

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का कहना है कि CRR में कटौती से बैंकों के मार्जिन को सपोर्ट मिल सकता है। ब्रोकरेज के मुताबिक, इस फैसले से खासतौर पर इंडसइंड बैंक, AU स्मॉल फाइनेंस बैंक, फेडरल बैंक जैसे मिड-साइज बैंकों को ज्यादा फायदा मिलेगा। इसके अलावा, एक्सिस बैंक और HDFC बैंक जैसे बड़े बैंक, जिनकी डिपॉजिट ग्रोथ सीमित है, उन्हें भी राहत मिल सकती है।

RBI ने इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस प्वाइंट और दिसंबर 2024 से अब तक CRR में 150 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जा चुकी है। इससे बैंकों के कर्ज डिस्ट्रीब्यूशन में और तेजी आने की संभावना है।

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Source: MoneyControl