Bajaj Finance Shares: एमडी के इस्तीफे पर फिसले शेयर, ब्रोकरेज फर्मों का ये है रुझान

Bajaj Finance Shares: बजाज ग्रुप की दिग्गज एनबीएफसी बजाज फाइनेंस के शेयरों में आज बिकवाली का दबाव है। हालांकि शेयरों में 1% से कम ही गिरावट है। बजाज फाइनेंस के एमडी अनूप कुमार साहा ने व्यक्तिगत वजहों से इस्तीफा दिया है जिसके चलते शेयर टूटकर रेड जोन में आ गए। हालांकि निचले स्तर पर खरीदारी के चलते शेयर अधिक नहीं टूट पाए लेकिन यह अभी भी रेड जोन में है। फिलहाल बीएसई पर यह 0.43% की गिरावट के साथ ₹944.85 (Bajaj Finance Share Price) पर है। इंट्रा-डे में यह 0.95% टूटकर ₹939.90 के भाव तक आ गया था। वैसे ध्यान दें कि अनूप कुमार साहा को इंडसइंड बैंक के एमडी और सीईओ के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है।

एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 16 अगस्त 2024 को बीएसई पर यह एक साल के निचले स्तर ₹642.61 पर था। इस निचले स्तर से 10 महीने में यह 52.28% उछलकर पिछले महीने 9 जून 2025 को ₹978.59 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है।

अब कौन है Bajaj Finance का एमडी?

अनूप कुमार साहा ने व्यक्तिगत वजहों से बजाज फाइनेंस के एमडी पद से इस्तीफा दे दिया है। एक्सचेंज फाइलिंग में एनबीएफसी ने बताया कि अनूप कुमार साहा ने कंपनी के बोर्ड में निदेशक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। उनके स्थान पर अब कंपनी ने राजीव जैन को एमडी की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी है। राजीव जैन अब 31 मार्च, 2028 तक बजाज ग्रुप की एनबीएफसी के वाइस चेयरमैन और एमडी रहेंगे।

क्या कहना है ब्रोकरेज फर्मों का?

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनले का का कहना है कि अनूप कुमार साहा का इस्तीफा बजाज फाइनेंस की उत्तराधिकार योजना के लिए एक झटका है लेकिन अब भी ऐसा लग रहा है स्थिति नियंत्रण में है। एक और ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल का कहना है कि टॉप पोजिशन में बदलाव से बजाज फाइनेंस के शेयरों में तात्कालिक तेजी देखने को मिल सकती है क्योंकि अब राजीव जैन के कम से कम तीन और वर्षों तक एमडी बने रहने के आसार दिख रहे हैं। हालांकि ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि मीडियम टर्म में इससे मैनेजमेंट सक्सेन प्लान को लेकर कुछ चिंताएं भी पैदा हो सकती हैं क्योंकि अनूप कुमार साहा को लीडरशिप के लिए आंतरिक तौर पर सात साल तक तैयार किया गया था लेकिन उन्होंने दो तिमाहियों से भी कम समय में पद छोड़ दिया।

एमके का कहना है कि नियर-टर्म में मैनेजमेंट का बना रहना निवेशकों के लिए राहत की बात है लेकिन मैनेजमेंट सक्सेसन प्लान पर अभी भी बोर्ड में विचार हो रहा है। लगातार बढ़ रहे एनबीएफसी और वर्ष 2028 के बाद बैंक बनने की संभावनाओं के बीच सक्सेशन प्लानिंग पर बोर्ड का फोकस बने रहने के आसार हैं। फिलहाल राजीव जैन के फिर से टॉप पर आने से बजाज फाइनेंस को काफी सपोर्ट मिलेगा। एमके ग्लोबल ने इसकी ऐड रेटिंग को बरकरार रखा है और अब जून तिमाही के कारोबारी नतीजे के इंतजार में है।

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Source: MoneyControl