क्वार्टर रिजल्ट
कंपनी ने सोमवार को जानकारी दी कि उसका जून 2025 को खत्म पहली तिमाही के लिए कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 10 प्रतिशत बढ़कर 835 करोड़ रुपये हो गया. जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह नेट प्रॉफिट 759 करोड़ रुपये था.
साथ ही, कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उसकी कंसोलिडेटेड टोटल इनकम इस तिमाही में 9,531 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8,719 करोड़ रुपये थी.
वहीं इस तिमाही के दौरान, कुल खर्च भी बढ़कर 8,460 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 7,756 करोड़ रुपये था.
ब्रोकरेज ने क्या कहा?
ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपनी ‘ओवरवेट’ रेटिंग को बरकरार रखा है. इसके लिए ब्रोकरेज ने अपने टारगेट प्राइस को 295 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 320 रुपये प्रति शेयर कर दिया है.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि कंपनी के पहली तिमाही के वित्तीय नतीजों में उसके एनबीएफसी बिजनेस की एसेट क्वालिटी में मामूली गिरावट देखी गई. हालाँकि, स्थिति उतनी खराब नहीं थी जितनी निवेशकों ने उम्मीद की थी.
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, जून तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (पीएटी) उनके अनुमान से 4% अधिक रहा. यह बेहतर प्रदर्शन मुख्य रूप से उसके लोन और एसेट मैनेजमेंट बिजनेस के बेहतर परिणामों के कारण हुआ. लोन बिजनेस ने अपेक्षा से 2% बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) ने उम्मीद से 8% अधिक प्रदर्शन किया, जिससे कुल लाभ अनुमान से अधिक रहा.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि एबी कैपिटल उन कुछ शेयरों में से एक है जिनकी कीमत वर्तमान में हाई लेवल पर है. उनका मानना है कि भविष्य में कंपनी के प्रदर्शन में सुधार की गुंजाइश है, जिससे इसके शेयर प्राइस में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो सकती है.
LIC का भी सपोर्ट
कंपनी में एलआईसी की भी हिस्सेदारी है. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, जून 2025 तक कंपनी में एलआईसी के पास 51,420,538 शेयर यानी कंपनी की 1.97 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
Source: Economic Times