आरती इंडस्ट्रीज के शेयरों में बीते एक साल में 34 फीसदी गिरावट आई है। शेयर अक्टूबर 2021 में 1100 रुपये के पार निकल गया था। इस लेवल से यह काफी ज्यादा गिरा है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की चौथी तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा। लेकिन, आगे कंपनी के कारोबार पर दबाव दिख सकता है। इसकी वजह एग्रोकेमिकल्स सेक्टर में जरूरत से ज्यादा कैपेसिटी है। उधर, डिमांड कमजोर बनी हुई है।
रिटर्न रेशियो में इम्प्रूवमेंट की उम्मीद
शॉर्ट टर्म में Arti Industries के ग्रॉस मार्जिन में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। हालांकि, फाइनेंशियल ईयर 2026-27 में रिटर्न रेशिया में अच्छा इम्प्रूवमेंट दिख सकता है। इसकी वजह यह है कि आगे कंपनी का पूंजीगत खर्च घटेगा और ऑपरेशन के मोर्चे पर स्थितियां बेहतर होंगी। डाइज, पिगमेंट एंड प्रिंटिंग इंक और फार्मा की बिक्री में स्थिरता है। ग्लोबल पिगमेंट इंडस्ट्री में कंसॉलिडेशन दिखा है। एमएंडए प्राइसिंग के लिए चिंता है। हालांकि इससे सप्लायर्स की मोलभाव की क्षमता कम होगी। वॉल्यूम ग्रोथ में सुधार है।
पैरासीटमोल वैल्यू चेन में बाजार हिस्सेदारी बढ़ सकती है
फार्मा में डिमांड अच्छी है। कंपनी को PNCB प्रोडक्ट के जरिए पैरासीटमोल वैल्यू चेन में बाजार हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है। MDCB का प्रदर्शन भी अच्छा है। इसका कई API में स्टार्टिंग मैटेरियल के रूप में इस्तेमाल होता है। फार्मा इंडस्ट्री में बैकवॉर्ड इंटिग्रेशन से दोनों मॉलेक्यूल्स को फायदा होगा। पॉलीमर्स और एडिटिव रिकवरी के रास्ते पर हैं। ऑटो इंडस्ट्री में इस्तेमाल को देखते हुए रिस्क नजर आता है। इस पर नजर रखनी होगी।
क्षमता विस्तार पर बढ़ा फोकस
कंपनी ने nitro-toluene, ethylation, NCB और MMA की क्षमता बढ़ाने की कोशिश शुरू की है। हालांकि, इनमें से कुछ की क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं हो रहा है। जहां तक एनसीबी की बात है तो कुछ बड़े कस्टमर्स क्षमता बढ़ा रहे हैं, जिससे यूटिलाइजेशन में इजाफा हो सकता है। कंपनी के प्रोडक्ट MPD के लिए डिमांड काफी स्ट्रॉन्ग है। खासकर अमेरिका से इसकी अच्छी डिमांड है। इसका इंजीनियरिंग प्लास्टिक्स और इपॉक्सी रेजिन में इस्तेमाल होता है।
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
FY27 से पूंजीगत खर्च में कमी दिखने लगेगी। पिछले दो फाइनेंशियल ईयर्स में कंपनी ने करीब 2,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया है। FY26 में कंपनी 1,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च करेगी। अभी नेट डेट इक्विटी का 0.6 गुना है। इसका मतलब है कि कंपनी की बैलेंसशीट पर ज्यादा दबाव नहीं है। इनवेस्टर्स मध्यम अवधि के नजरिए से इस स्टॉक में निवेश बढ़ा सकते हैं।
Source: MoneyControl