उन्होंने कहा, “जिस दिन हमें सेबी से NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) मिलेगा, उसके बाद 8-9 महीनों में लिस्टिंग हो सकती है.” उन्होंने बताया कि NSE पहले से ही व्यापक रूप से शेयरहोल्डर्स के बीच बंटा हुआ है. चौहान ने कहा, “हम 100% पब्लिक हैं. मेरे पास पहले से ही 1.72 लाख शेयरहोल्डर्स हैं.”
भारत की फाइनेंशियल सिस्टम में NSE की भूमिका
चौहान ने NSE को भारत की फाइनेंशियल सिस्टम का मजबूत स्तंभ बताया. उन्होंने कहा, “NSE भारत का पहला फिनटेक है और अभी भी सबसे बड़ा फिनटेक है.” उन्होंने जोड़ा कि NSE ने भारत जैसे प्रति व्यक्ति आय वाले देश में पूंजी बनाने की प्रक्रिया को अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचाया है.
भरोसा और कॉरपोरेट गवर्नेंस
चौहान ने NSE की सफलता का श्रेय भरोसे और मजबूत कॉरपोरेट गवर्नेंस को दिया. उन्होंने कहा, “भारत में कॉरपोरेट गवर्नेंस ढांचे की वजह से निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला है.” उन्होंने चीन जैसे बाजारों से तुलना की, जहां आर्थिक विकास का फायदा निवेशकों को लगातार नहीं मिला.
मजबूत टेक्नोलॉजी बैकबोन
NSE के प्रमुख ने संस्थान के विशाल टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी प्रकाश डाला. मुंबई और चेन्नई में मौजूद इसके नेशनल ऑपरेशंस सेंटर्स रोजाना के ट्रेडिंग से लेकर डिजास्टर रिकवरी और साइबरसिक्योरिटी तक सब कुछ मैनेज करते हैं. चौहान ने कहा, “यह डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है, जिसे बिना किसी रुकावट के चलते रहना चाहिए.”
Source: CNBC