वेस्टब्रिज कैपिटल, हॉर्नबिल और जीएसवी वेंचर्स जैसे निवेशकों के सपोर्ट वाली फिजिक्सवाला फंड्स का इस्तेमाल अपने ऑफलाइन सेंटर्स को बढ़ाने, जाइलेम और उत्कर्ष क्लासेस जैसी सहायक कंपनियों में निवेश करने और अपनी टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग खर्च को मजबूत करने के लिए करेगी. कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन, गोल्डमैन सैक्स और एक्सिस कैपिटल सहित कई कंपनियां इश्यू की बुक रनिंग लीड मैनेजर्स होंगी.
IPO का स्ट्रक्चर
IPO में 3,100 करोड़ रुपए का नया इश्यू और 720 करोड़ रुपए का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) शामिल होगा. कंपनी के प्रमोटर अलख पांडे और प्रतीक दोनों में से हर एक अपनी 360 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी बेचेंगे.
PhysicsWallah में फिलहाल प्रमोटरों की हिस्सेदारी 82.3 फीसदी है, जिसमें अलख और प्रतीक दोनों में से हर एक के पास 40.35 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा वेस्टब्रिज कैपिटल के पास 6.41 फीसदी, हॉर्नबिल कैपिटल पार्टनर के पास 4.42 फीसदी और जीएसवी वेंचर्स के फंड III के पास 2.85 फीसदी, लाइटस्पीड ऑपर्चुनिटी फंड के पास 1.79 फीसदी और सेतु एआईएफ ट्रस्ट के पास 1.39 फीसदी हिस्सेदारी है.
कंपनी का फाइनेंस
PhysicsWallah की कमाई बढ़ी है, लेकिन मुनाफा अभी भी लगातार कम हो रहा है. कारोबारी साल 2025 में रेवेन्यू 49 फीसदी बढ़कर 2,886.6 करोड़ रुपए हो गया था. जबकि कारोबारी साल 2024 में यह 1,940.7 करोड़ रुपए था. इस बीच कारोबारी साल 2025 में घाटा घटकर 243.3 करोड़ रुपए रह गया, जो पिछले साल 1,131 करोड़ रुपए था. फिजिक्सवाला के देश के 109 शहरों में कुल 198 एजुकेशन सेंटर्स हैं.
रिस्क जानना है जरूरी
कंपनी लगातार घाटे में चल रही है. इसने कारोबारी साल 2025 में 243.3 करोड़ रुपए, कारोबारी साल 2024 में 1,131 करोड़ रुपए और कारोबारी साल 2023 में 84.1 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया गया. इस बीच कारोबारी साल 2024 में उसकी नेटवर्थ नेगेटिव रही है. अगर खर्चों पर लगाम नहीं कसी, तो कंपनी पर घाटे में बने रहने का जोखिम मंडरा रहा है.
इस दौरान सहायक कंपनियां भी एक बड़ी समस्या बनी हुई हैं. जाइलम लर्निंग, उत्कर्ष क्लासेस और नॉलेज प्लैनेट ने कारोबारी साल 2025 में घाटा दर्ज किया है. अगर ये बिजनेस प्रॉफिटेबल नहीं हुए, तो ये लगातार कैश की कमी का कारण बन सकते हैं.
ऑफलाइन सेंटर्स पर निर्भरता से भी रिस्क बढ़ सकता है. PhysicsWallah की लगभग आधी इनकम अब दिल्ली-एनसीआर, पटना, कालीकट और कोटा जैसे ऑफलाइन सेंटर्स से आती है. इन शहरों में एनरोलमेंट में कमी से रेबेनु को भारी नुकसान हो सकता है.
फैकल्टी के छोड़ने का रेट
कारोबारी साल 2025 में फैकल्टी छोड़ने की दर 36.5 फीसदी रही. इस तरह के बिजनेस मॉडल में फैकल्टी को बनाए रखना और उन्हें प्रोत्साहित करना एक बड़ा टास्क है. इसके अलावा छात्रों के मामले में कारोबारी साल 2025 में प्लेटफॉर्म छोड़ने वालों की संख्या बढ़कर 46,019 हो गई, जो कि पेमेंट करने वाले यूजर्स का लगभग एक फीसदी है. यह कारोबारी साल 2024 में 0.8 फीसदी से ज्यादा है. इस बीच रिफंड की रिक्वेस्ट (खासकर महंगे कोर्सेस के लिए) मार्जिन को और कम कर सकती है.
PhysicsWallah की किस्मत फाउंडर अलख पांडे और प्रतीक के नेतृत्व से जुड़ी है. उनकी भागीदारी में कोई भी समस्या न केवल ऑपरेशन को प्रभावित करेगा, बल्कि पिछले 5 सालों में बनी ब्रांड इक्विटी को भी कमजोर करेगा.
Source: CNBC