Share Market this week: बाजार की दिशा तय करेंगे ये 5 फैक्टर, निवेशक रहें सतर्क

Stock market news: शुक्रवार, 5 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार सपाट बंद हुआ। दिन भर निवेशकों ने मुनाफा वसूली की और ट्रंप टैरिफ को लेकर चिंता बनी रही। विदेशी पूंजी की बिकवाली ने भी बाजार की चाल धीमी कर दी। ग्लोबल स्तर पर पॉजिटिव संकेत मिलने के बावजूद इंडेक्स ज्यादा देर टिक नहीं पाए। सेंसेक्स 7 अंक गिरकर 80,710.76 पर बंद हुआ, वही निफ्टी 7 अंक बढ़कर 24,741 पर बंद हुआ। मिडकैप इंडेक्स 0.10 प्रतिशत टूटा और स्मालकैप 0.09 प्रतिशत बढ़ा।

इस हफ्ते बाजार की दिशा

जियोजित इंवेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर के मुताबिक आगे बाजार का माहौल मिला-जुला रह सकता है। देश के अंदर ग्रोथ से जुड़े सेक्टरों को GST में राहत, मजबूत खरीदारी और सरकारी खर्च का फायदा मिल सकता है। वहीं, ग्लोबल ट्रेड को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निवेशकों का रुख थोड़ा संभलकर रहेगा। ऐसे माहौल में कई तरह की संपत्तियों में निवेश करने की रणनीति ज्यादा असरदार मानी जा रही है।

इस हफ्ते सबकी नजर अमेरिका की नौकरियों से जुड़ी रिपोर्ट पर रहेगी, जिससे फेड की ब्याज दरों पर फैसला प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा निवेशक अमेरिका के बेरोजगारी, महंगाई और यूरोपीय सेंट्रल बैंक की दरों से जुड़े आंकड़ों पर भी नजर बनाए रखेंगे।

कौन से फैक्टर करेंगे बाजार को प्रभावित?

1. महंगाई के आंकड़े

शुक्रवार, 12 सितंबर को अगस्त महीने की सीपीआई यानी खुदरा महंगाई दर के आंकड़े आने वाले हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के SVP रिसर्च अजीत मिश्रा के मुताबिक, इस हफ्ते घरेलू और विदेशी दोनों स्तर पर डेटा से भरा माहौल रहेगा। महंगाई के साथ-साथ बैंक क्रेडिट, डिपॉजिट ग्रोथ और फॉरेक्स रिजर्व पर भी नजर रहेगी, खासकर जब बैंकिंग सेक्टर हाल ही में कमजोर रहा है।

2. अमेरिका के आर्थिक आंकड़े

ग्लोबल लेवल पर अमेरिका से आने वाले महंगाई अनुमान, PPI, CPI, बेरोजगारी के आंकड़े और कंज्यूमर सेंटिमेंट जैसे डेटा इस हफ्ते काफी अहम रहेंगे। इनसे यह तय होगा कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं, और इसका असर विदेशी निवेश पर भी पड़ेगा।

3. ट्रंप टैरिफ का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया आदेश साइन किया है, जिसके तहत कुछ देशों को निकेल, गोल्ड, दवाइयों और केमिकल्स जैसे इंडस्ट्रियल एक्सपोर्ट्स पर टैरिफ छूट मिल सकती है। इस आदेश में 45 से ज्यादा कैटेगरी को शामिल किया गया है, जो “aligned partners” के साथ समझौता करने पर जीरो इंपोर्ट ड्यूटी का फायदा उठा सकते हैं। इससे ग्लोबल ट्रेड और भारत के एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है।

4. विदेशी और घरेलू निवेशक (FIIs और DIIs)

शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने 1,305 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,821 करोड़ के शेयर खरीदे। इस साल अब तक FIIs ने कुल 2.15 लाख करोड़ के शेयर बेचे हैं, जबकि DIIs ने 5.24 लाख करोड़ के शेयर खरीदे हैं। इससे साफ है कि घरेलू निवेशक बाजार में भरोसा दिखा रहे हैं, जबकि विदेशी निवेशक थोड़ा सतर्क हैं।

5. सोने की कीमतें

अमेरिका में कमजोर नौकरियों के आंकड़ों के चलते सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। स्पॉट गोल्ड $3,599.89 प्रति औंस तक पहुंच गया, जो चार महीने का सबसे बड़ा साप्ताहिक उछाल है। भारत में भी MCX पर सोना 1,07,807 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया, जो अब तक का रिकॉर्ड हाई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सोना 1,06,450 से ऊपर बना रहता है, तो इसमें और तेजी आ सकती है। हालांकि अगर ये 1,06,150 से नीचे गिरता है, तो कमजोरी के संकेत मिल सकते हैं।

इस हफ्ते बाजार में उतार चढ़ाव बने रहने की पूरी संभावना है। महंगाई का डेटा, अमेरिका के आंकड़े, एफआईआई-डीआईआई की चाल और सोने का रुख निवेशको की स्ट्रेटजी तय करेंगे।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।

Source: Mint