शेयर मार्केट में अस्थिरता के बीच म्यूचुअल फंड निवेश भी कम हुआ है। मई महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 22 प्रतिशत कम हुआ है। रिपोर्ट किए गए महीने में कुल 19,013 करोड़ रुपये इंफ्लो रहा, जबकि अप्रैल में 24,269 करोड़ रुपये था। वहीं, ओवरऑल 89% की गिरावट आई है, जो 29,572 करोड़ रुपये रहा, जबकि अप्रैल में 2.78 लाख करोड़ रुपये था। इसके अलावा, मई में एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 71.93 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि अप्रैल में यह 69.73 लाख करोड़ रुपये था।
लॉर्ज, मिड और स्मॉलकैप फंड्स निवेश में गिरावट
इक्विटी फंड्स की 11 कैटेगरीज में से लॉर्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप फंड्स में निवेश गिरा है। लार्ज-कैप फंड्स में इन्वेस्टमेंट 53% गिरकर 1,250 करोड़ रुपये रहा, जबकि मिड-कैप फंड्स में 15% गिरावट के साथ 2,808 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, स्मॉल कैप फंड्स में 20% की गिरावट के साथ 3,214 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। फ्लेक्सी कैप फंड्स में सबसे अधिक 3841 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इसके बाद स्मॉल कैप में पैसा लगाया गया।
हाइब्रिड फंड्स में बढ़ोतरी
डेट म्यूचुअल फंड्स को सबसे अधिक झटका लगा है। मई में 15,908 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। वहीं, हाइब्रिड फंड्स में 46 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी हुई है और इसका कुल इंफ्लो 20,765 करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा, पैसिव फंड्स में भी भारी गिरावट देखने को मिली है। मई महीने के दौरान पैसिव फंड्स में 73 प्रतिशत इन्वेस्टमेंट घटाकर 5,525 करोड़ हो गया।
NFO का कैसा रहा प्रदर्शन?
बता दें कि रिपोर्ट किए गए महीने में 19 ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड NFO लॉन्च हुए, जिन्होंने टोटल 4,170 करोड़ रुपये जुटाए। मई में कोई क्लोज -एंडेड फंड लॉन्च नहीं हुआ। सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स ने दो NFO के माध्यम से 1,792 करोड़ रुपये जुटाए।
डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।
Source: Mint