इन टॉप 10 PSU कंपनियों का जलवा, FD रिटर्न से भी ज्यादा मिला डिविडेंड

High dividend yield PSU Stock: शेयर बाजार में सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों लंबे समय से निवेशकों की पहली पसंद बनी हुई हैं। इसकी पीछे की वजह इन कंपनियों की ओर से नयमित और आकर्षक डिविडेंड है। लेकिन अब ये सरकारी कंपनियां केवल डिविडेंड तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इन्वेस्टर्स के वेल्थ क्रिएशन का एक बड़ा माध्यम भी बन चुकी हैं। बीते पांच सालों में BSE PSU Index लगभग 250 प्रतिशत की शानदार छलांग लगाई है। इसका मुख्य कारण इन कंपनियों का बेहतर प्रदर्शन, मजबूत वित्तीय स्थिति और सरकार की ओर से पॉलिसी में सुधार है। इन स्टॉक न केवल अच्छा रिटर्न दे रहे हैं, बल्कि कई बार इनका डिविडेंड यील्ड बैंक एफडी से अधिक होता है।

इन कंपनियों ने दिया 7% तक का डिविडेंड यील्ड

डिविडेंड यील्ड के मामले में सबसे ऊपर कोल इंडिया और NMDC का नाम आता है। इन दोनों कंपनियों का डिविडेंड यील्ड 7 प्रतिशत का है। कोल इंडिया ने 26.9 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड दिया है, जबकि NMDC ने 4.8 रुपये प्रति शेयर का लाभांश बांटा है। इसके बाद ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) का नाम आता है। इसका डिविडेंड यील्ड 6 प्रतिशत है और इसने पिछले 12 महीनों में अपने शेयरधारकों को 13.5 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड बांटा है।

5% डिविडेंड यील्ड देने वाले ये हैं PSU स्टॉक्स

इसके बाद नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (NALCO), REC लिमिटेड और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) ने भी डिविडेंड से शेयरधारकों की झोली भर दी है। इन तीनों सरकारी कंपनियों का डिविडेंड यील्ड 5 प्रतिशत है। इन्होंने क्रमशः 10 रुपये, 19.1 रुपये और 19.5 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड जारी किया है।

इन कंपनियों का 4% से कम डिविडेंड यील्ड

वहीं, पिछले 12 महीनों में 5 प्रतिशत से कम डिविडेंड यील्ड देने वाली सरकारी कंपनियों की बात करें, तो इनमें गेल (इंडिया), बालमेर लॉरी एंड कंपनी और RITES का नाम शामिल है। इन्होंने अपने शेयरधारकों को पिछले एक साल में 4 प्रतिशत का डिविडेंड यील्ड दिया है। ये कंपनियां उन निवेशकों के लिए शानदार विकल्प हैं, जो स्थिर आय के साथ-साथ लंबे समय तक मुनाफा चाहते हैं।

डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों, विशेषज्ञों और ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।

Source: Mint