वेदांता के शेयरहोल्डर्स के लिए खुशखबरी! कंपनी ने 16 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड देने का ऐलान किया; जानें रिकॉर्ड डेट

मेटल इंडस्ट्री की पॉपुलर कंपनी वेदांता ने एक बार फिर निवेशकों को खुश करने वाला फैसला लिया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दूसरा अंतरिम डिविडेंड घोषित किया है, जो प्रति शेयर 16 रुपए होगा। इस डिविडेंड के तहत कुल 6,256 करोड़ रुपए का पेमेंट किया जाएगा। डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट 27 अगस्त 2025 रखी गई है। यानी 27 अगस्त तक जिसके डीमेट अकाउंट में वेदांता के शेयर होंने वह डिविडेंड के लिए एलिजिबल होगा।

इससे पहले जून में वेदांता ने पहला अंतरिम डिविडेंड 7 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से दिया था, जिसके तहत 2,737 करोड़ रुपए का पेमेंट किया गया था। वेदांता अपने हाई डिविडेंड यील्ड के लिए जानी जाती है। पिछले 12 महीनों में कंपनी ने कुल 35.5 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड दिया है।

कल वेदांता के शेयर में दिखेगा एक्शन

वेदांता ने डिविडेंड देने की घोषणा शेयर बाजार बंद होने के बाद किया है। इसलिए कल इसके शेयर में एक्शन देखने को मिल सकता है। आज (21 अगस्त) को वेदांता का शेयर 0.36% की तेजी के साथ 447.10 रुपए के स्तर पर बंद हुआ।

डिविडेंड के अलावा इन वजहों से भी वेदांता खबरों में

वेदांता डिविडेंड के अलावा एक और वजह से खबरों में है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के डिमर्जर यानी कंपनी के दो हिस्सों में बंटने की योजना की सुनवाई को 17 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि केंद्र सरकार ने इस योजना में कुछ अहम जानकारियां छुपाने और सही ढंग से न बताने पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा है कि इस डिमर्जर योजना से सरकार को अपने बकाए वसूलने में दिक्कत हो सकती है। मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने अपनी कमाई बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई है और अपनी देनदारियों को कम बताया है। इससे सरकार की वसूली पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने भी पहले वेदांता को चेतावनी दी थी। इसका कारण यह था कि कंपनी ने डिमर्जर योजना में बदलाव किया, जबकि इसके लिए स्टॉक एक्सचेंज और SEBI की मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी। इसे गंभीर नियम उल्लंघन माना गया।

सुप्रीम कोर्ट भी वेदांता ग्रुप को दे चुका है झटका

सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता ग्रुप को एक और झटका दिया है। कंपनी ने पंजाब के तलवंडी साबो पावर प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। वेदांता ने ‘डिम्ड एक्सपोर्ट’ नाम के कुछ लाभों को वापस लेने को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को कभी ऐसे लाभ मिलने का अधिकार ही नहीं था।

कंपनी को करना पड़ रहा चुनौतियों का सामना

वेदांता के लिए वित्तीय रिपोर्ट भी थोड़ी चिंता वाली रही। कंपनी ने इस साल की पहली तिमाही में अपनी कुल कमाई बढ़ाई है, लेकिन मुनाफा घटा है। कंपनी का मुनाफा 11.7% कम होकर 3,185 करोड़ रुपए रह गया। जबकि उसकी कुल बिक्री या ऑपरेशन से होने वाली आमदनी 5.75% बढ़कर 37,824 करोड़ रुपए हो गई। यह मुनाफा वेदांता के मालिकों के हिस्से का है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी ने 3,606 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। इस साल मुनाफे में गिरावट का मतलब है कि कंपनी को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

Source: Economic Times