सीमेंट स्टॉक ने वित्त वर्ष 26 की शुरुआत मजबूत आधार पर की है, जिसमें कई बड़े नाम अब तक दोहरे अंकों की ग्रोथ दर्ज कर चुके हैं. इस बढ़त में नुवोको विस्टास सबसे आगे है, जो 47% उछला है. उसके बाद जेके सीमेंट 42% की बढ़त के साथ दूसरे और स्टार सीमेंट 34% ऊपर है.
इंडिया सीमेंट्स और डालमिया भारत ने भी क्रमशः 33% और 25% की बढ़त हासिल की है, जो इस सेक्टर में निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत है. सीमेंट पर संभावित जीएसटी कटौती के बारे में बढ़ते आशावाद से चल रही तेजी को बढ़ावा मिल रहा है , जो सेक्टर के फंडामेंटल को काफी बढ़ावा दे सकता है.
15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने टैक्स का दबाव कम करने के उद्देश्य से दिवाली से पहले “अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों” को पेश करने की घोषणा की. इसका फायदा सीमेंट सेक्टर को भी मिलेगा.
लार्जकैप सीमेंट स्टॉक का परफॉर्मेंस
एसीई इक्विटी डेटा के अनुसार वित्त वर्ष 2026 के अब तक के स्टॉक प्रदर्शन पर नजर डालें तो लार्ज-कैप सीमेंट शेयरों ने अपेक्षाकृत कम लाभ दिखाया है. अल्ट्राटेक और अंबुजा में 7% की ग्रोथ हुई है. श्री सीमेंट स्थिर है, जबकि एसीसी लिमिटेड में 8% की गिरावट आई है. हालांकि आगे इनमें ग्रोथ की संभावना फिर बनने लगी है.
जीएसटी में कटौती एक बड़ा बदलाव
सीमेंट पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करने की संभावित कटौती सीमेंट इंडस्ट्री को नया रूप दे सकती है. यह मांग सीमेंट कंपनियां लंबे समय से कर रही थीं कि टैक्स कम किया जाए जिससे सेक्टर में ग्रोथ हो सके.
जेफरीज़ के अनुसार इस कदम से सरकार को 200-250 अरब रुपये के राजस्व का नुकसान हो सकता है, लेकिन इससे सीमेंट की कीमतों में कमी और मांग में उल्लेखनीय सुधार होगा. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने प्रस्तावित कटौती को मार्केट सेंटीमेंट्स के लिए एक सकारात्मक कदम बताया और अनुमान लगाया कि इससे सीमेंट की कीमतों में 7.5-8% की कमी आ सकती है. इससे मांग बढ़ेगी सीमेंट कंपनियों की उपयोगिता दर में सुधार होगा और लाभ मार्जिन में मजबूती आएगी.
मोतीलाल ने विशेष रूप से अल्ट्राटेक सीमेंट और जेके सीमेंट को उनके साइज़ और परिचालन दक्षता के कारण संभावित रूप से सबसे अधिक फायदा उठाने वाले स्टॉक बताए.
रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए जीएसटी में कटौती से लागत में सीधा लाभ हो सकता है. प्रमुख शहरों में घरों की कीमतों में सीमेंट की हिस्सेदारी 4-5% होने के कारण डेवलपर्स को 40-50 बेसिस पॉइंट्स का मार्जिन विस्तार देखने को मिल सकता है, जिससे रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट्स आर्थिक रूप से अधिक आकर्षक बन सकते हैं.
Source: Economic Times