₹3,100 करोड़ का बड़ा दांव! जानें क्यों बड़े फंड हाउस Zomato छोड़ Swiggy के शेयर खरीद रहे?

रिटेल निवेशक जहां नई-नई टेक कंपनियों के शेयरों में तेजी से निवेश बढ़ा रहे हैं, वहीं म्यूचुअल फंड्स ने अलग ही स्ट्रेटजी अपनाई है। फंड हाउस ने हाल ही में तेजी से चढ़े जोमैटो की पेरेंट कंपनी ईटर्नल में मुनाफावसूली की, जबकि इसके कॉम्पिटिटर कंपनी स्विगी में जमकर खरीदारी की है।

ऑनलाइन फूड डिलीवरी की जंग के बीच, एक तरफ ईटर्नल का शेयर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है, तो दूसरी ओर स्विगी का शेयर सालभर की बड़ी गिरावट से गुजर रहा है। ऐसे में इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ‘तेजी में मुनाफा, गिरावट में खरीदारी’ की पुरानी स्ट्रेटजी पर चलते दिखाई दे रहे हैं।

शेयर में तेजी के दौरान म्यूचुअल फंड्स ने की मुनाफावसूली

जुलाई में ईटर्नल का शेयर 17% बढ़कर BSE पर 52-वीक के नए हाई ₹319.80 तक पहुंच गए। इसी दौरान, म्यूचुअल फंड्स ने मुनाफावसूली करते हुए करीब 1,700 करोड़ रुपए के शेयर (लगभग 5.4 करोड़ शेयर) बेच डाले। यह आंकड़ा प्राइम डेटाबेस और नुवामा के डाटा से सामने आया है। इसके उलट, फंड मैनेजर्स ने स्विगी में 1,400 करोड़ रुपए का निवेश किया और 3.43 करोड़ शेयर खरीदे, जबकि यह स्टॉक इस साल अब तक 26% नीचे गिर चुका है। यह बिल्कुल क्लासिक स्ट्रेटजी है, जो तेजी में मुनाफा वसूली (Sell the rip) और गिरावट में खरीदारी (Buy the dip)।

जोमैटो VS स्विगी : कौन से फंड हाउस ने किसे खरीदा और किसे बेचा?

जुलाई महीने में जोमैटो की पेरेंट कंपनी ईटर्नल के शेयरों में म्यूचुअल फंड्स ने बड़े स्तर पर बिकवाली की। सबसे ज्यादा हिस्सेदारी ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने घटाई, जिसने करीब ₹810 करोड़ के शेयर बेच दिए। इसके बाद मिराए एसेट ने भी लगभग ₹820 करोड़ के शेयर बेच दिए। इसी तरह कोटक और SBI म्यूचुअल फंड ने भी मुनाफावसूली की। हालांकि, हर किसी ने ऐसा नहीं किया। एक्सिस म्यूचुअल फंड ने उल्टा कदम उठाते हुए करीब ₹375 करोड़ के शेयर खरीदे। इसके अलावा मोतीलाल ओसवाल और HDFC ने भी इसमें खरीदारी की।
दूसरी ओर, स्विगी के शेयरों में कई बड़े फंड्स ने पैसा लगाया। इनमें मिराए एसेट, HDFC, SBI म्यूचुअल फंड, बंधन और इनवेस्को का नाम सबसे आगे रहा। इससे साफ दिखता है कि जहां कुछ फंड्स जोमैटो से मुनाफा कमा कर निकल रहे थे, वहीं कई फंड हाउस स्विगी में लंबे समय के मौके देख रहे थे। टाइमिंग भी यहां अहम है। ईटर्नल के शेयर जून में 21% और जुलाई में 17% बढ़े। इतने मजबूत उछाल के बाद फंड मैनेजर्स को लगा कि अब मुनाफा सुरक्षित कर लेना चाहिए। इसके उलट, स्विगी के शेयर जुलाई में भारी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की खरीदारी के बावजूद सिर्फ 1% ही बढ़ सके। यह दिखाता है कि फिलहाल कंपनी के शेयर को ऊपर बढ़ने में दिक्कत हो रही है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि जोमैटो में अभी भी तेजी की संभावना है। ब्रोकरेज ने कंपनी का अगले 12 महीने का टार्गेट प्राइस ₹330 से बढ़ाकर ₹340 कर दिया है और कहा है कि निवेशकों को यहां से करीब 25% तक रिटर्न मिल सकता है। गोल्डमैन सैक्स ने अगले कुछ सालों के लिए कंपनी की आय (Revenue) के अनुमान भी बढ़ाए हैं क्योंकि क्विक कॉमर्स से अच्छी मांग आ रही है।
जेफरीज ने भी जोमैटो (ईटर्नल) पर अपना नजरिया बदला है। जनवरी 2025 में इसे डाउनग्रेड किया गया था क्योंकि कॉम्पिटिशन को लेकर चिंता थी। लेकिन अब ब्रोकरेज का कहना है कि वह चिंता गलत साबित हुई है। इसी वजह से अब उन्होंने इसे ‘Buy’ यानी खरीदने की सलाह दे दी है।
स्विगी के लिए भी ब्रोकरेज हाउस उम्मीद जता रहे हैं। जेफरीज का कहना है कि कंपनी के लिए पहला क्वार्टर (Q1) सबसे कमजोर रहा और अब से स्थिति सुधर सकती है। उन्होंने स्विगी को भी ‘Buy’ रेटिंग दी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि स्विगी का मार्जिन अभी कम है, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव ज्यादा देखने को मिल सकता है। मॉर्गन स्टेनली ने स्विगी के लिए अगले कुछ सालों में घाटा (EBITDA loss) कम होने का अनुमान लगाया है। वहीं HSBC ने पूरे स्विगी की वैल्यू करीब 11.4 बिलियन डॉलर (₹430 प्रति शेयर) बताई है, जिसमें से केवल फूड डिलीवरी बिजनेस की कीमत ही 8 बिलियन डॉलर आंकी गई है।

डिस्क्लेमर: जो सुझाव या राय एक्सपर्ट देते हैं, वो उनकी अपनी सोच है. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी की राय नहीं होती.

Source: Economic Times