Paytm
पेटीएम का करेंट मार्केट प्राइस 1,150 रुपये है, इसके लगभग 30% बढ़ने की उम्मीद है. कंपनी के फंडामेंटल मज़बूत हैं और यह भारत के डिजिटल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आने वाले समय में, यह शेयर 1,400 रुपये से लेकर 1,500 रुपये तक जा सकता है, जबकि इसे 900 रुपये पर स्ट्रॉन्ग सपोर्ट मिला हुआ है. इसका मतलब यह है कि इसके इस लेवल से बहुत नीचे गिरने की संभावना नहीं है.
BEL
स्टॉक का करेंट मार्केट प्राइस 384.70 रुपये का है. यह ऊपर की ओर बढ़ रहा है और वित्त वर्ष 26 के अंत तक लगभग 600 रुपये तक पहुँच सकता है. नीचे की ओर, इसे 250 रुपये पर मज़बूत सपोर्ट मिला हुआ है, जिसका मतलब है कि इसके इस लेवल से नीचे आसानी से गिरने की संभावना नहीं है.
LIC
यह शेयर फिलहाल 887 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. यह सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. आगे भी इसके अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. निवेशकों को 1,100 रुपये से लेकर 1,200 रुपये के शॉर्टटर्म टारगेट प्राइस के साथ इस शेयर को खरीदने की सलाह दी जाती है. नीचे की ओर, इसे 800 रुपये पर सपोर्ट लेवल मिला हुआ है, जिसका मतलब है कि इसके इस लेवल से बहुत नीचे गिरने की संभावना नहीं है.
SBI
शेयर का करेंट मार्केट प्राइस 825 रुपये का है. इसके फंडामेंटल और टेक्नीकल चार्ट दोनों के आधार पर, यह स्टॉक मजबूत दिख रहा है. शॉर्टटर्म में, यह 1,000 रुपये से 1,100 रुपये तक बढ़ सकता है. नीचे की ओर, इसे 750 रुपये पर सपोर्ट मिला हुआ है, जिसका मतलब है कि इसके इस लेवल से बहुत नीचे गिरने की संभावना नहीं है.
RIL
रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टॉक 1,372.90 रुपये के लेवल पर कारोबार कर रहा है. अपने मज़बूत वित्तीय नतीजों के चलते, 29 अगस्त को कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले इस शेयर के लोगों का ध्यान आकर्षित करने की संभावना है. इसके रिटेल और जियो बिजनेस से भविष्य में विकास को गति मिलने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 26 के अंत तक यह शेयर 1,800 रुपये से लेकर 2,000 रुपये के लेवल तक पहुँच सकता है, जबकि इसे 1,200 रुपये पर मज़बूत सपोर्ट मिला हुआ है, जिसका मतलब यह है कि इसके इस लेवल से बहुत नीचे गिरने की संभावना नहीं है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
Source: Economic Times