Stock Market: नहीं थम रही विदेशी निवेशकों की बिकवाली, क्या है वजह?

विदेशी निवेशकों के द्वारा भारतीय शेयर बाज़ार से बड़े पैमाने पर पैसा निकालने का सिलसिला लगातार जारी है. साल 2025 में अब तक सेकेंडरी मार्केट से रिकॉर्ड बिकवाली हो चुकी है, जबकि साल के चार महीने अभी बाकी हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक टैरिफ को लेकर आशंकाएं, कंपनियों की आय पर दबाव और दूसरे बाजारों से मिलने वाले आकर्षक रिटर्न की उम्मीद इस बिकवाली की मुख्य वजह है.

अब तक क्या हुआ
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जनवरी से अब तक घरेलू बाजार में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा के शेयर बेच दिए हैं. उनके द्वारा बिकवाली का सिलसिला लगातार जारी जारी है. घरेलू निवेशकों की तरफ से जारी खरीद से इस बिकवाली का ज्यादा असर नहीं दिख रहा है. एक्सपर्ट्स की माने तो अन्य देशों में बेहतर रिटर्न की उम्मीद से विदेशी निवेशक यहां लंबे समय तक बने रहने की रणनीति की जगह तेजी से मुनाफा निकालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

2025 में अब तक सेंसेक्स और निफ्टी 3.5% ही बढ़े हैं. वहीं इसकी तुलना में अमेरिका का S&P 500 और Nasdaq 12% बढ़ा, यूरोप के प्रमुख इंडेक्स 20% से ऊपर चढ़े, जापान का निक्केई 18% और हांगकांग का हैंगसेंग 29% तक बढ़ा है. यही वजह है कि विदेशी निवेशक यहां से पैसा निकाल रहे हैं.
क्या है एक्सपर्ट्स की राय

मनीकंट्रोल की एक खबर में एसबीआई सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल का कहना है कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के संकेत से भी FII के भारत से निकलने की वजह बनी हुई है. भारत का बाजार औसतन 20 गुना अनुमानित कमाई पर ट्रेड कर रही हैं, जबकि चीन का स्तर सिर्फ़ 11.7 गुना है. इसका मतलब भारतीय बाजार महंगा और चीन सस्ता दिख रहा है.
वहीं भारत पर ट्रंप ने सख्त टैरिफ लगाए हैं हालांकि चीन को लेकर ट्रंप का रुख सख्त नहीं है इसका भी असर निवेशकों को दिख रहा है. इक्विरस एसेट मैनेजमेंट के सहिल शाह ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका की नीति भारत के खिलाफ़ बदली, तो निर्यात पर असर पड़ सकता है.
IPO में दिलचस्पी क्यों?
सेकेंडरी मार्केट से पैसा निकालने के बावजूद FII प्राइमरी मार्केट यानि आईपीओ में निवेश कर रहे हैं. दरअसल यहा 15–20% तक का शुरुआती मुनाफ़ा और कुछ कंपनियों के अनोखे बिज़नेस मॉडल है, जिनमें विदेशी निवेशक लंबे समय तक पैसा लगाने को तैयार हैं।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 6–9 महीनों में भारतीय बाज़ार में ज़्यादा तेज़ी की उम्मीद नहीं है. निवेशकों को सावधानी बरतने और सतर्क रणनीति अपनाने की सलाह दी जा रही है।
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Source: CNBC