इंडियन ऑयलने जून तिमाही में नेट प्रॉफिट दोगुना होकर 5,689 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2,643 करोड़ रुपये था. मज़बूत मार्केटिंग मार्जिन के कारण यह ग्रोथ हुई. जून तिमाही में परिचालन से राजस्व 1% बढ़कर 2,18,608 करोड़ रुपये हो गया. इंडियन ऑइल कॉर्प पीएसयू स्टॉक है, जिसकी डिविडेंड यील्ड 2.14% है. पिछले 12 माह में इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को प्रति शेयर 3 रुपए डिविडेंड दिया.
सरकारी रिफाइनर और रिटेलर ने कहा कि नेट प्रॉफिट में सुधार मुख्य रूप से रिफाइनिंग और मार्केटिंग मार्जिन में बढ़ोतरी के कारण हुआ है, जिसकी कुछ हद तक इन्वेंट्री घाटे से भरपाई हो गई है. इंडियन ऑयल के चेयरमैन ए.एस. साहनी ने तिमाही आय में इन्वेंट्री के मजबूत प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि तिमाही के दौरान उसे 6,465 करोड़ रुपये रुपये का इन्वेंट्री लॉस हुआ, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में उसे 3,345 करोड़ रुपये का इन्वेंट्री गेन हुआ था.
तिमाही के लिए कंपनी का ग्रोस रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 2.15 डॉलर प्रति बैरल रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 6.39 डॉलर प्रति बैरल था. इन्वेंट्री लॉस और गेन के प्रभाव को हटाने के बाद मार्जिन 6.91 डॉलर होगा, जबकि एक वर्ष पहले यह 2.84 डॉलर था.
इंडियन ऑयल को तिमाही के दौरान रसोई गैस की बिक्री पर 3,858 करोड़ रुपये की अंडर-रिकवरी हुई, जबकि एक साल पहले यह 4,294 करोड़ रुपये थी. सरकार ने एलपीजी अंडर-रिकवरी के लिए ऑइल मार्केटिंग कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है, लेकिन अभी तक इसके तौर-तरीकों पर काम नहीं किया गया है.
शेयर प्राइस पर प्रभाव
Indian Oil Corporation Ltd के शेयर प्राइस में सोमवार को गैपअप ओपनिंग हो सकती है और स्टॉक प्राइस 147 रुपए तक जा सकता है. यही लेवल स्टॉक का रजिस्टेंस लेवल भी है.
स्टॉक में 135-140 की रेंज सपोर्ट की तरह काम कर सकती है. इस रेंज के नीचे स्टॉक में और कमज़ोरी आ सकती है, जो उसे 125 रुपए के लेवल तक ले जा सकती है.
Source: Economic Times