शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म तेज़ी की उम्मीद, ब्रोकरेज ने चुने ये आठ स्टॉक जो दे सकते हैं ताबड़तोड़ प्रॉफिट

शेयर मार्केट में पिछले कुछ दिनों से निचले स्तर से खरीदारी आई है. एनालिस्ट का अनुमान है कि बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी में शॉर्ट टर्म तेज़ी आ सकती है. ब्रोकरेज फर्म जेफरीज़ ने इस बाज़ार में आठ स्टॉक खरीदने की सिफारिश की है.

ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार शॉर्ट टर्म तेजी के लिए तैयार हो सकते हैं. उन्होंने बेहतर घरेलू निवेश, सितंबर तिमाही की आय में संभावित उछाल और अमेरिका के साथ ट्रेड टेंशन के संभावित समाधान का हवाला दिया.

जेफरीज़ ने चुने ये स्टॉक

ब्रोकरेज ने इस तेजी के लिए लोढ़ा, चोलामंडलम ,अडानी एनर्जी, श्रीराम फाइनेंस, जुबिलेंट फूडवर्क्स , मैनकाइंड फार्मा , एनटीपीसी और क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स जैसे स्टॉक को पसंदीदा माना है.
जेफ़रीज़ ने बताया कि पिछले 12 महीनों में एमएससीआई इंडिया इंडेक्स एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स से 24 प्रतिशत अंक पीछे रहा है, जो 15 सालों में सबसे बड़ा अंतर है.

वैल्यूवेशन बेहतर हुआ

भारतीय बाज़ारों में वैल्यूएशन मार्च-अप्रैल में 90% तक बढ़ गया था, अब अपने 10-वर्षीय औसत 63% पर वापस आ गया है. एमएससीआई इंडिया का फॉरवर्ड प्राइस टू अर्निंग रेशो अभी भी अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से 10% अधिक है, जेफरीज़ ने कहा कि बॉन्ड यील्ड-अर्निंग्स यील्ड गैप जैसे व्यापक उपाय ऐतिहासिक मानदंडों के अनुरूप हैं.

घरेलू खरीदारी में तेजी

जुलाई में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश महीने-दर-महीने 75% बढ़कर 6.4 अरब डॉलर हो गया, जो अप्रैल-जून के मासिक औसत से दोगुना से भी ज़्यादा है. बीमा कंपनियों एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स और ऑप्शनल इन्वेस्टमेंट्स फंड्स सहित नॉन-म्यूचुअल फंड घरेलू संस्थान भी नेट बायर्स रहे हैं, जिनका इस साल औसतन 2.8 अरब डॉलर प्रति माह रहा, जबकि 2024 में यह 1.6 अरब डॉलर प्रति माह रहा.

एफपीआई पोज़ीशन लोअर लेवल पर आईं

ब्रोकरेज ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का भारतीय स्टॉक में निवेश एक दशक के निचले स्तर के करीब है. बड़े उभरते बाजार फंडों का बेंचमार्क पर केवल 0.2 प्रतिशत अंक अधिक भारांक है, जो 2.5 अंक औसत से काफी नीचे है और 4 अंक से अधिक के शिखर से काफी दूर है.

सितंबर की अर्निंग ग्रोथ जेफरीज़ को सितंबर तिमाही में कमाई में मज़बूत उछाल की उम्मीद है, जो पिछले साल के निचले आधार से बेहतर है. दिवाली के कारण भी कॉर्पोरेट अर्निंग बेहतर होने की संभावना है.

Source: Economic Times