शेयर बाजार में जुलाई महीने में विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड निकासी की है। लेकिन इस महीने म्यूचुअल फंड और इश्योरेंस कंपनियों ने पहली बार फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) को पीछे छोड़ दिया है। जुलाई 2025 तक म्यूचुअल फंड और इश्योरेंस कंपनियों के पास 72.67 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी एसेट था। वहीं, एफपीआई के पास 71.96 लाख करोड़ रुपये का एसेट है। NSDL की ओर से जारी इस डेटा से पता चलता है कि घरेलू बाजार की दिशा तय करने में म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियां अहम भूमिका निभा रही हैं।
1 साल में 4.17 लाख करोड़ बढ़ी होल्डिंग
पिछले एक साल में म्यूचुअल फंड और इश्योरेंस कंपनियों की इक्विटी होल्डिंग में 4.17 लाख करोड़ रुपये की भारी बढ़ोतरी हुई है, जबकि फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स की होल्डिंग 2.6 लाख करोड़ रुपये कम हुई है। इस उछाल का सबसे बड़ा SIP में बढ़ते निवेश को जाता है। म्यूचुअल फंड्स ने 5.13 लाख करोड़ रुपये जोड़े हैं। वहीं, दूसरी ओर, इश्योरेंस कंपनियों की होल्डिंग में 96567 करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
रिटेल इन्वेस्टर्स ने झोंका पैसा
दरअसल, यह तब देखने को मिला, जब लॉर्ज कैप स्टॉक के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 15 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई थी। इसके बाद रिटेल इन्वेस्टर्स म्यूचुअल फंड्स और इक्विटी से जुड़े बीमा प्रोडक्ट्स में निवेश करने लगे।
जुलाई में SIP फ्लो में जोरदार उछाल
बता दें कि जुलाई में इक्विटी ग्रोथ स्कीम्स में 42,702 करोड़ रुपये और हाइब्रिड स्कीम्स में 20,879.5 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया गया। SIP ने इस तेजी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जुलाई में मंथली SIP फ्लो रिकॉर्ड 28,464 करोड़ रुपये रहा। फाइनेंशियल ईयर 2025 में कुल 2.89 लाख करोड़ रुपये का SIP इन्वेस्टमेंट हुआ, जबकि फाइनेंशियल ईयर 2026 के पहले चार महीनों में ही 1.09 लाख करोड़ रुपये निवेश किया जा चुका है। जुलाई के आखिर तक SIP का कुल एसेट 15.19 लाख करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल 13.09 लाख करोड़ रुपये था।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। व्यक्त किए गए विचार और सुझाव विशेषज्ञों के हैं, मिंट के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श लें।
Source: Mint