निचले लेवल पर कंसोलिडेशन कर रहे हैं Axis Bank के शेयर प्राइस, 20 रुपए के स्टॉप लॉस में 100 रुपए का टारगेट मिल सकता है

शेयर मार्केट में इन दिनों खबरों से काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. इंडेक्स मूवमेंट वॉलेटाइल हो रहे हैं, लेकिन मार्केट में स्टॉक स्पेसिफिक एक्शन देखा जा रहा है. एक्सिस बैंक के शेयर प्राइस पिछले कुछ दिनों से बिकवाली के दबाव में आकर निचले लेवल पर कंसोलिडेट कर रहे हैं.

Axis Bank Ltd के शेयर प्राइस मंगलवार को मामूली गिरावट के बाद 1070 रुपए के लेवल पर बंद हुए. इस बैंक का मार्केट कैप 3.32 लाख करोड़ रुपए है. पिछले एक माह में स्टॉक 9% तक गिर चुका है और निचले लेवल पर कंसोलिडेट कर रहा है. नीचे की रेंज देखें तो एक्सिस बैंक के शेयर प्राइस में गिरावट के बाद इसमें 1050-1090 की रेंज बनी है. इस दौरान ट्विज़र बॉटम फॉर्मेट बना है जिसे ट्रेड किया जा सकता है.

एक्सिस बैंक ट्रेडिंग सेटअप

कंसोलिडेशन के फेज़ में स्टॉक ऊपरी लेवल पर जा सकता है, जो हाल ही में बने निचले स्तर से ऊपर उठता दिख रहा है. एक्सिस बैंक के शेयर ओवर सोल्ड ज़ोन में आ चुका है और इसका मोमेंटम इंडिकेटर आरएसआई 35 पर है, जहां से एक बाउंस एक्सपेक्टेड है.

इस लेवल पर एक ट्रेड सएटअप यह हो सकता है कि हाल के कंसोलिडेशन के निचले लेवल 1050 को स्टॉप लॉस मानकर इसे अपसाइड ट्रेड किया जा सकता है. इसमें टारगेट 1170 रुपए के हो सकते हैं, जहां जून माह में स्टॉक को स्ट्रांग सपोर्ट हुआ करता था.
इस ट्रेडिंग सेटअप की खासियत यह है कि इसमें 20 रुपए का स्टॉप लॉस है, जबकि 100 रुपए का टारगेट है. इस तरह यह 1:5 रिस्क-रिवॉर्ड रेशो का ट्रेड है.

चार्ट पर गैप फिलिंग हो सकती है

एक्सिस बैंक के डेली चार्ट पर देखें तो 18 जुलाई को स्टॉक में बड़ी गैपडाउन ओपनिंग हुई थी और प्राइस सीधे 1163 रुपए के लेवल से 1088 रुपए के लेवल पर ओपन हुआ. इस दौरान चार्ट पर एक बड़ी गैप बनी है. इसके बाद निचले लेवल पर एक्सिस बैंक के शेयर प्राइस में 1050-1090 की रेंज में कंसोलिडेशन हुआ है और अब प्राइस उस गैप को फिल करने ऊपर आ सकता है, जो 18 जुलाई की गैप डाउन ओपनिंग से बना है.

एक्सिस बैंक के डेली चार्ट पर देखें तो स्टॉक अब200 सिंपल मूविंग एवरेज से नीचे ट्रेड कर रहा है, याने वह डाउन ट्रेंड में है. स्टॉक जब तक 1130 रुपए के प्राइस के नीचे होगा, वह 200 एसएमए से नीचे रहेगा, लेकिन वह इस रीज़न में जाने की कोशिश कर सकता है.

Source: Economic Times