लगातार कमज़ोर तिमाही नतीजों और मज़बूत रेवेन्यू ग्रोथ के बावजूद लगातार घाटे के चलते फ़ूड डिलीवरी कंपनी स्विगी के शेयरों में इस साल अब तक 30% की गिरावट आई है. प्रॉफिटिबिलिटी,एग्रेसिव एक्सपेंस और बढ़ती ऑपरेटिंग कॉस्ट को लेकर निवेशकों की चिंताओं को दर्शाते हुए शेयर में भारी गिरावट आई है. हालांकि तब से स्टॉक रजिस्टेंस लेवल से नीचे कारोबार कर रहा है.
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में स्विगी ने 1,197 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 611 करोड़ रुपये था. रेवेन्यू साल-दर-साल 54% बढ़कर 4,961 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन कुल खर्च 60% बढ़कर 6,244 करोड़ रुपये हो गया, जिसकी वजह ज़्यादा डिलीवरी-संबंधी कॉस्ट (1,313 करोड़ रुपये), विज्ञापन खर्च (1,036 करोड़ रुपये), कर्मचारी लाभ और क्विक कॉमर्स सेगमेंट में लॉजिस्टिक्स लागत रही.
ये नतीजे वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आए हैं, जहां कंपनी ने 1,081 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 554 करोड़ रुपये के घाटे से लगभग दोगुना था, जबकि राजस्व 45% बढ़कर 4,410 करोड़ रुपये हो गया था.
स्विगी के शेयरों में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
Swiggy Ltd की कमजोर अर्निंग के बावजूद टेक्निकल एनालिस्ट स्टॉक में बेहतरी के संकेत देख रहे हैं. एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट क्षितिज गांधी ने बताया कि स्विगी अपने निचले स्तरों से लगभग 20-26% ऊपर आ चुका है और वर्तमान में 375 रुपये से 430 रुपये के कंसॉलिडेशन रेंज में कारोबार कर रहा है.
उन्होंने कहा कि स्टॉक अब साप्ताहिक चार्ट पर अपने 200-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) के करीब पहुंच रहा है, जो 420 रुपये और 425 रुपये के बीच है. गांधी ने कहा कि इस स्तर से ऊपर लगातार ब्रेकआउट 450 रुपये से 470 रुपये के ज़ोन की ओर आगे बढ़ने का रास्ता खोल सकता है.
उन्होंने आगाह किया कि इस रजिस्टेंस को तोड़ने में विफलता और 370 रुपये से नीचे फिसलने से नए सिरे से बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है.
चॉइस ब्रोकिंग के सीनियर इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट मंदार भोजने ने भी इसी तरह का पॉज़िटिव रुख़ पेश किया. उन्होंने कहा कि स्विगी इस समय 396 रुपये पर कारोबार कर रहा है और और लगातार हायर हाई, और हायर लो बना रहा है, जो एक मज़बूत अपट्रेंड का संकेत है.
स्टॉक को सभी प्रमुख ईएमए 20, 50 और 100 से सपोर्ट मिल रहा है और अगर स्टॉक 400 रुपये से ऊपर बंद होने और टिके रहने में कामयाब होता है तो इसमें 440 और 480 रुपये के स्तर तक तेज़ी से बढ़ने की क्षमता है.
Source: Economic Times