क्यों आई रिकवरी
बाजार में आज की रिकवरी के लिए एक्सपायरी और दिग्गज स्टॉक में निचले स्तरों पर आई खरीद दोनों का ही असर दिखा. आखिरी आधे घंटे में कई दिग्गज स्टॉक्स में खरीद रही जिसमें पीएसयू बैंक शामिल रहे. इससे इंडेक्स को सहारा मिला.
वहीं इससे पहले बुधवार को ही एनालिस्ट चार्ट के आधार पर अनुमान दे रहे थे कि लगातार जारी गिरावट से अब इंडेक्स काफी नीचे आ गए हैं. ऐसे में फिलहाल गिरावट कुछ थम सकती है.
इसके साथ ही टैरिफ को लेकर एक्सपर्ट के अनुमान भी सकारात्मक हैं. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इन टैरिफ का पूरी अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर नहीं होगा. वहीं उम्मीद भी लगा रहे हैं कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील आगे हो जाएगी.
क्या है आगे के लिए संकेत
सीएनबीसी आवाज के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल के मुताबिक आज की क्लोजिंग शानदार रही है. कारोबार के आखिरी घंटे में आईटी और सरकारी बैंकों में निचले स्तरों पर आई खरीद की मदद से बाजार में आज रिकवरी दिखी. लेकिन उन्होने साफ कहा कि सौदों के लिए फिलहाल बाजार पर भरोसा न करें. ये बाजार ट्रेड के लिए नहीं हैं खास तौर पर तब जबकि ये पता नहीं कि बाजार बंद होने के बाद क्या एलान आ जाए. उनके मुताबिक यहां संकेत और दिशा तेजी के साथ बदल रही हैं ऐसे में फिलहाल सतर्क रहें.
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह के मुताबिक बाजार मान रहा है कि अमेरिका और भारत दोनों को एक दूसरे की जरूरत है. बाजार को उम्मीद है कि अतिरिक्त टैरिफ को लेकर 27 अगस्त की समयसीमा से पहले दोनों देश कोई डील कर सकते हैं. और मौजूदा अनिश्चितता एक खराब सपने की तरह पीछे छूट जाएगी. उनके मुताबिक अगर टैरिफ लगे रहते हैं तो कुछ खास सेक्टर पर असर पड़ेगा हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू संकेतों पर ज्यादा आधारित है ऐसे में पूरी अर्थव्यवस्था पर कुछ खास असर नहीं होगा.
वहीं व्हाइट ओक के प्रशांत खेमका मानते हैं कि ट्रंप के द्वारा टैरिफ बढ़ाना उनकी समझौते के लिए रणनीति है. ईयू के साथ भी ऐसा देखने को मिला था. जब समझौते चर्चा के अंतिम दौर में पहुंचने लगते हैं तो ट्रंप के द्वारा ऐसी रणनीति देखने को मिलती है. पूरा तरह से तो नहीं कह सकते लेकिन काफी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है.
उनके मुताबिक ट्रंप के इस फैसले का असर सीमित ही है क्योंकि भारत से इतना ज्यादा एक्सपोर्ट नहीं हो रहा. कुछ सेक्टर जैसे टेक्सटाइल पर असर संभव है लेकिन ये इतना नही है कि अर्थव्यवस्था पर इसका असर दिखे. टेक्सटाइल सेक्टर पर भी इसका असर ये होगा कि दूसरे देश जिन पर टैरिफ कम है उनके मुकाबले कंपटीशन काफी मुश्किल हो जाएगा. हालांकि अभी देखना है भारत सरकार क्या कदम उठाती हैं.
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Source: CNBC