Highway Infrastructure IPO : आईपीओ के पहले दिन GMP 59%, क्या 70 रुपये के प्राइस बैंड पर लगाएं दांव?

IPO News : हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आज मंगलवार, 5 अगस्त को खुल गया है. आईपीओ का प्राइस बैंड 65 से 70 रुपये प्रति शेयर है. निवेशक कम से कम 211 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह आईपीओ पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए 7 अगस्त तक खुला रहेगा. 

हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर आईपीओ का साइज 130 करोड़ रुपये है. इसमें से 97.52 करोड़ का फ्रेश इश्यू है, जबकि 32.48 करोड़ के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचे जाएंगे. आईपीओ से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों को पूरा करने में करेगी.

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जीएमपी : 58.57%

हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर का ग्रे मार्केट में जमकर क्रेज देखने को मिल रहा है. कंपनी का अनलिस्टेड स्टॉक ग्रे मार्केट में 41 रुपये के प्रीमियम पर है. यह अपर प्राइस बैंड 70 रुपये के लिहाज से 58.57% प्रीमियम है.

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स : लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करें

ब्रोकरेज का कहना है कि हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HIL) का लक्ष्य अपने टोल वसूली और EPC व्यवसाय को और मजबूत बनाना है और साथ ही अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर करना है. सरकार की सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ती प्राथमिकता के चलते टोल नेटवर्क बढ़ने की संभावना है, जिससे कंपनी की कमाई में भी बढ़त हो सकती है.

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उन्होंने कहा कि यह कंपनी भारत के टोल और EPC इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में एक खास मौका देती है. कंपनी का ऑर्डर बुक मजबूत है और लगातार ग्रोथ दिख रही है. टोल सिस्टम में ANPR तकनीक का इस्तेमाल इसे दूसरों से बेहतर बनाता है. टोल और EPC दोनों तरह के बिजनेस होने से कंपनी को अलग-अलग स्रोतों से कमाई होती है. इस आधार पर ब्रोकरेज ने IPO को “लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करें” की रेटिंग दी है.

SBI सिक्योरिटीज की रेटिंग : Avoid करें

SBI सिक्योरिटीज का मानना है कि HIL इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री में एक छोटा खिलाड़ी है. इसका मुख्य बिजनेस टोल वसूली है, जिसमें ज्यादातर कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ 1 साल के होते हैं. इससे कंपनी को बार-बार बोली में हिस्सा लेना पड़ता है और प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है.

कंपनी की 91% कमाई सरकारी संस्थाओं से आती है, जिससे इसका वर्किंग कैपिटल साइकिल लंबा होता है और मुनाफे का अनुपात कम रहता है. ब्रोकरेज का कहना है कि IPO के बाद कंपनी का वैल्यूएशन बहुत ज्यादा है. FY25 के हिसाब से इसका P/E रेश्यो 25.5 और EV/Ebitda रेश्यो 17.8 है.

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कम मुनाफे, ज्यादा वर्किंग कैपिटल जरूरत और सीमित भौगोलिक विस्तार के कारण ये वैल्यूएशन उचित नहीं लगते. इसीलिए SBI सिक्योरिटीज ने इसमें “Avoid” रेटिंग दी है. 

कंपनी के बारे में 

इंदौर की हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी की स्थापना 1995 में हुई थी, यह एक भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मैनेजमेंट कंपनी है. यह कंपनी टोल टैक्स वसूलने, ईपीसी प्रोजेक्ट्स, और रियल एस्टेट डेवेलपमेंट जैसे कामों में लगी हुई है. यह मुख्य रूप से सड़कों, हाइवे, पुलों और रिहायशी प्रोजेक्ट्स के निर्माण और रख-रखाव का काम करती है.

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31 मार्च 2025 को खत्म हुए वित्त वर्ष में कंपनी ने 22.40 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया और 504.48 करोड़ का रेवेन्यू हासिल किया. इससे पिछले साल 2023-24 में कंपनी ने 21.41 करोड़ रुपये का मुनाफा और 576.58 करोड़ रुपये की कमाई की थी.

(Disclaimer: आईपीओ या कंपनी के आउटलुक को लेकर विचार ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

Source: Financial Express