वैल्यू इन्वेस्टिंग से एम्पायर खड़ा करने वाले रामदेव अग्रवाल ने बताया मल्टीबैगर स्टॉक का यह अनमोल फॉर्मूला, कंपाउंडिंग समझें

स्टॉक मार्केट में रिटेल इन्वेस्टर्स सपने लेकर आते हैं. इन सपनों में से एक सपना यह भी होता है कि कहीं से मल्टीबैगर स्टॉक उसकी ग्रोथ से पहले ही मिल जाए, जो अमीर बना दे. ऐसा हुआ भी है कि कई निवेशकों को उनके मल्टीबैगर स्टॉक मिले हैं और उन्होंने स्टॉक मार्केट में वेल्थ क्रिएट की है.

मल्टीबैगर स्टॉक खोजने का फॉर्मूला कई लोगों के पास है और यह उनके पोर्टफोलियो में दिखता है. मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने मल्टीबैगर स्टॉक पर अपनी राय दी है.
वैल्यू इन्वेस्टर और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल का मानना है कि अगले मल्टीबैगर को पहचानने का फॉर्मूला आश्चर्यजनक रूप से बहुत आसान है, लेकिन बहुत कम लोग इसे समझ पाते हैं. ईटी मार्केट्स के साथ एक बातचीत में अग्रवाल ने कहा,
“वास्तव में कोई भी कंपाउंडिंग को नहीं समझता है. यहां तक कि आईआईटी क्लास में भी शायद केवल एक व्यक्ति ही इसे समझ पाता होगा.”
उन्होंने कहा कि कंपाउंडिंग की शक्ति को शायद ही कभी समझा जाता है क्योंकि “आप भविष्य नहीं देख सकते.”
अरबपति निवेशक ने अपने मल्टीबैगर ढांचे को दो मुख्य कारकों में विभाजित किया. शुरुआती चरण की अनुकूल परिस्थितियां और अच्छा प्रबंधन. उन्होंने कहा, “जब अच्छे मैनेजमेंट और अनुकूल परिस्थितियों का संयोजन होता है और आप उस अनुकूल परिस्थितियों के शुरुआती चरण में होते हैं तो आप मल्टीबैगर फॉर्मूले के साथ बैठे होते हैं.

कंपाउंडिंग की पावर लोग समझ नहीं पाते

अधिकांश लोगों ने कंपाउंडिंग की पावर को गलत तरीके से समझा.अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि बेहतरीन संस्थानों में प्रशिक्षित लोगों के लिए भी कंपाउंडिंग एक रहस्य बनी हुई है. कारण? यह भविष्य से संबंधित है. कुछ ऐसा जो अमूर्त है और जिसे समझना अक्सर अधिकांश लोगों के लिए असुविधाजनक होता है.
उन्होंने मज़ाक में कहा, “अगर मैं कंपाउंडिंग को समझता हूं और दूसरे नहीं समझते, तो मैं अंधों के बीच एक आँख वाले राजा की तरह हूं.

बताया मल्टीबैगर स्टॉक का फॉर्मूला

कंपाउंडिंग की शक्ति को दर्शाने के लिए उन्होंने सरल गणित समझाया. 25% वार्षिक रिटर्न दस वर्षों में संपत्ति को दस गुना बढ़ा देता है. 35% पर यह 20 गुना है. 45% पर रिटर्न 40 गुना हो जाता है. यह वह वेल्थ क्रिएशन की क्षमता है जिसे वे मानते हैं कि अधिक निवेशकों को समझना चाहिए .
अग्रवाल ने यह भी बताया कि तेजी से बढ़ते व्यवसायों का वैल्यूएशन कैसे किया जाए. अगर कोई स्टॉक एक दशक में 40 गुना अधिक आय बढ़ा सकता है तो प्रीमियम का अग्रिम भुगतान करना समझदारी है . भले ही पी/ई रेशो 100 हो.

उन्होंने समझाया कि आप इंडेक्स वैल्यूएशन को देखकर शुरुआत करते हैं. अगर बाजार 20 पी/ई पर 15% रिटर्न देता है तो आपको हाई डेवलपमेंट की संभावनाओं वाली कंपनियों को हाई मल्टीपल्स के साथ होना चाहिए.

Source: Economic Times