Goldman Sachs के सपोर्ट के बाद FMCG सेक्टर की कंपनी में हैवी बाइंग, कहा ₹2900 तक जाएगी स्टॉक की कीमत

नई दिल्ली: एफएमसीजी सेक्टर की कंपनी Hindustan Unilever Ltd के स्टॉक में शुक्रवार को तेज़ी देखने को मिल रही है. स्टॉक पर ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने खरीदने की सलाह दी है. स्टॉक में गुरुवार को 4 प्रतिशत से ज़्यादा की तेज़ी देखने को मिली, जिससे स्टॉक ने 2727 रुपये के अपने इंट्राडे हाई लेवल को टच किया. ख़बर लिखे जाने तक भी कंपनी के शेयर 2 प्रतिशत की तेज़ी के साथ 2568 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे. कंपनी ने गुरुवार को ही अपना क्वार्टर रिजल्ट घोषित किया है.

गोल्डमैन सैक्स ने क्या कहा?

गोल्डमैन सैक्स ने एचयूएल की रेटिंग को पहले की ‘न्यूट्रल’ रेटिंग से बढ़ाकर ‘बाय’ कर दिया है. इसके लिए ब्रोकरेज ने अपने टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 2400 रुपये से 2900 रुपये कर दिया है. 2022 में शेयर पर नज़र रखने के बाद से यह पहली बार है जब गोल्डमैन सैक्स ने एचयूएल को “बाय” की रेटिंग दी है. यह टारगेट प्राइस स्टॉक के पिछले बंद भाव से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना को दर्शाता है.
ब्रोकरेज ने कहा कि व्यापक आर्थिक परिस्थितियों और कंपनी के अपने प्रयासों के कारण, एचयूएल के मुनाफे में सुधार होने लगा है. उन्हें यह भी उम्मीद है कि एचयूएल की बिक्री में तेज़ी से वृद्धि होगी, जो इस वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही तक लगभग 7% से 9% की वृद्धि तक पहुँच जाएगी और 2027 वित्तीय वर्ष तक जारी रहेगी.

ब्रोकरेज ने कहा कि जैसे-जैसे एचयूएल की बिक्री बढ़ने लगेगी, उसके प्रॉफिट मार्जिन में भी सुधार होगा. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि कंपनी अपनी निश्चित लागतों और विज्ञापन खर्चों को अधिक बिक्री पर फैला सकेगी, जिससे हर एक यूनिट अधिक लाभदायक होगी.
गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 से 2028 के दौरान एचयूएल का प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) बहुत तेज़ी से – दोहरे अंकों में – बढ़ेगा. यह 2023 और 2026 के बीच हुई धीमी वृद्धि (केवल लगभग 1% से 4% प्रति वर्ष) की तुलना में एक बड़ा सुधार है.
गोल्डमैन सैक्स ने दो मुख्य जोखिमों का ज़िक्र किया है जो एचयूएल पर उसके पॉजिटिव रुख को प्रभावित कर सकते हैं. पहला, अगर कच्चे माल की लागत तेज़ी से बढ़ती है, तो इससे कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ सकता है दूसरा, अगर समग्र अर्थव्यवस्था कमज़ोर हो जाती है और लोग रोज़मर्रा की चीज़ों पर कम खर्च करते हैं, तो इससे एचयूएल की बिक्री कम हो सकती है.

(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

Source: Economic Times