भारतीय शेयर बाजार के लिए नया सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव वाला रहने की संभावना है। विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा कई बड़ी कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजों, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की कारोबारी गतिविधियों पर निर्भर करेगी।
डेरिवेटिव अनुबंधों की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव
उन्होंने कहा कि व्यापक आर्थिक आंकड़ों की घोषणाएं, मासिक वाहन बिक्री के आंकड़े और वैश्विक बाजार के रुझान भी घरेलू बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बाजार की निगाह अमेरिकी शुल्क लागू होने की समयसीमा (एक अगस्त) तथा थाइलैंड और कंबोडिया के बीच भू-राजनीतिक तनाव पर भी रहेगी। 1 अगस्त को भारत सहित दर्जनों देशों पर अमेरिकी प्रशासन द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्क पर रोक की अवधि समाप्त हो रही है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, ‘नए महीने की शुरुआत कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों के साथ होगी। एक अगस्त को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और एचएसबीसी विनिर्माण पीएमआई के आंकड़े आएंगे। साथ ही मासिक वाहन बिक्री के आंकड़ों पर भी सभी की निगाह रहेगी। जुलाई माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान कीवजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा।’
वैश्विक संकेत और व्यापार वार्ता से तय होगी बाजार की दिशा
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे तिमाही नतीजों का सीजन आगे बढ़ेगा इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, टाटा स्टील, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, सन फार्मा, आईटीसी और अन्य दिग्गज कंपनियों के नतीजों पर सभी की नजर रहेगी। तिमाही नतीजों से विभिन्न क्षेत्रों की मजबूती तथा कंपनियों के प्रदर्शन का संकेत मिलेगा।
मिश्रा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर, कारोबारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के आंकड़ों के साथ-साथ शुल्क निलंबन की एक अगस्त की समयसीमा पास आने के साथ व्यापार वार्ताओं पर भी नजर रखेंगे। इससे एफपीआई का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी सभी की निगाह रहेगी।
हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी जैसी प्रमुख कंपनियां तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा, ‘आगे की ओर देखते हुए, अब सभी की निगाहें कई प्रमुख कंपनियों के पहली तिमाही की नतीजों पर टिकी हैं। इस सप्ताह भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोल इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी और आईटीसी जैसी प्रमुख कंपनियां अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी। इन कंपनियों के प्रदर्शन से यह तय होगा कि बाजार को निकट भविष्य में समर्थन मिलेगा या यह निचले स्तर पर कारोबार करेगा।’
उन्होंने कहा कि निवेशक आगे की दिशा के लिए विदेशी कोषों के प्रवाह और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता से जुड़े घटनाक्रमों पर नजर रखेंगे। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 294.64 अंक या 0.36 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 131.4 अंक या 0.52 प्रतिशत टूटा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख, संपदा प्रबंधन, सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर जारी अनिश्चितता, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के अबतक मिले-जुले नतीजों और बढ़ती एफआईआई निकासी के बीच हमारा मानना है कि बाजार में कमजोरी रहेगी।’
Source: Mint