Stock Market Action: कल से 5 दिन शेयर बाजार में बड़ा एक्शन! उतार-चढ़ाव वाला रह सकता है हफ्ता

Stock Market Action: शेयर बाजार पर बड़ी खबर आई है. एनालिस्ट ने बता दिया है कि कल से, यानी 28 जुलाई 2025 से स्टॉक मार्केट पर किन चीजों का असर पड़ सकता है. अगला हफ्ता उतार- चढ़ाव वाला रह सकता है क्योंकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में शेयर बाजार पर कई चीजों की वजह से एक्शन देखने को मिल सकता है.

इन चीजों का शेयर बाजार पर असर
एनालिस्ट ने कहा कि शेयर बाजारों में आने वाला हफ्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा रहने वाला है क्योंकि बड़ी कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजों (Q1 Results), अमेरिकी फेड की ब्याज दरों के फैसले (US Fed interest rate) और विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधियों से निवेशकों के रुझान पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि व्यापक आर्थिक आंकड़ों की घोषणाएं, मासिक ऑटो बिक्री (Auto sales) के आंकड़े और वैश्विक बाजार के रुझान भी घरेलू शेयर बाजारों की चाल तय करेंगे.

1 अगस्त की तारीख बेहद अहम
1 अगस्त को अमेरिकी टैरिफ की समयसीमा खत्म हो रही है, जिसपर निवेशकों की नजर रहेगी और थाईलैंड और कंबोडिया के बीच भू-राजनीतिक तनाव से जुड़े घटनाक्रमों पर भी निवेशक नजर रखेंगे. 1 अगस्त को भारत सहित दर्जनों देशों पर लगाए गए ट्रंप के टैरिफ (Trump tariff) की सस्पेंशन अवधि खत्म हो रही है.

बाजार में आ सकती है और अस्थिरता
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा कि नए महीने की शुरुआत में 1 अगस्त को औद्योगिक उत्पादन (IIP) और HSBC मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई सहित प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसके अलावा, मासिक ऑटो बिक्री के आंकड़ों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी. जुलाई डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की समाप्ति से बाजार में और अस्थिरता आ सकती है.
Q1 Results Stock Market Impact
उन्होंने कहा कि इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank), एशियन पेंट्स, एनटीपीसी (NTPC), टाटा स्टील (Tata Steel), हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra), मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki), सन फार्मा (Sun Pharma), आईटीसी (ITC) और अन्य बड़ी कंपनियों के नतीजों पर नजर रखी जाएगी.
वैश्विक स्तर पर इन चीजों का शेयर बाजार पर असर!
मिश्रा ने बताया कि वैश्विक स्तर पर, व्यापारियों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर संबंधी फैसले और जीडीपी वृद्धि के आंकड़ों (GDP Data) पर रहेगी. साथ ही ट्रंप की 1 अगस्त की टैरिफ समयसीमा से पहले व्यापार वार्ताओं के अपडेट पर भी रहेगी, जिससे FII प्रवाह प्रभावित हो सकता है. डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपये (Rupee) की चाल और कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) पर भी निवेशकों की नजर रहेगी.
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Source: CNBC