Gold rate in upcoming years: पिछले कुछ सालों में सोने की कीमतों ने निवेशकों को जबरदस्त कमाई दी है। 6 साल पहले जो सोना ₹32,000 प्रति 10 ग्राम में मिलता था, वो अब ₹97,800 के पार पहुंच चुका है। यानी 200% से ज्यादा रिटर्न। अब सवाल ये है कि अगले 5 सालों में सोना और कितना महंगा हो सकता है? एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो सोने की कीमत ₹1.35 लाख से लेकर ₹2.25 लाख तक पहुंच सकती है।
कमोडिटी मार्केट के जानकारों का मानना है कि आने वाले पांच सालों में सोना, रिस्की असेट्स की लिस्ट में सबसे ऊपर रह सकता है। उनका कहना है कि अगर बाजार में मंदी रही, तब भी सोना कम से कम 40% तक का रिटर्न दे सकता है। वहीं अगर बाजार में तेजी रही, तो इसकी कीमतें 125% तक बढ़ सकती हैं।
पिछले 6 साल में सोने की कहानी
जून 2019 में सोने का भाव था लगभग ₹34,200 प्रति 10 ग्राम, जो 2025 में ₹97,800 पहुंच गया, यानि करीब 200% की बढ़ोतरी। इस तेजी के पीछे आर्थिक हलचल, पॉलिसी बदलाव और वैश्विक तनाव जैसे कारण हैं, जिनकी वजह से सोना फिर से निवेशकों की पहली पसंद बन गया है।
सोने की कीमत में उछाल के पीछे क्या है वजह? क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट (Swastika Investmart) के रिसर्च हेड संतोष मीणा के मुताबिक, अब सोने को दुनिया भर के सेंट्रल बैंक भी एक रणनीतिक संपत्ति की तरह देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद सेंट्रल बैंकों ने डॉलर से भरोसा घटने की वजह से सोने को ‘सेफ हेवन’ की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया। साथ ही, अमेरिका का बढ़ता कर्ज और दुनियाभर की राजनीतिक अनिश्चितता भी सोने की डिमांड को बढ़ा रहे हैं।
वहीं, एसएस वेल्थस्ट्रीट की संस्थापक (SS Wealthstreet) सुगंधा सचदेवा के अनुसार, COVID-19 महामारी के बाद की आर्थिक नीतियों ने सोने की कीमतें बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। ब्याज दरें शून्य कर दी गईं और बड़े पैमाने पर पैसा छापा गया, जिससे महंगाई बढ़ी और रियल रिटर्न गिर गया, ऐसे में लोग सोने की तरफ झुकने लगे।
अगले 5 साल में सोने की कीमत कहां तक जा सकती है?
सुगंधा सचदेवा का मानना है कि आने वाले पांच सालों में सोना ₹1.35 लाख से ₹1.40 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। हालांकि, वो ये भी कहती हैं कि बीच-बीच में गिरावटें भी आ सकती हैं, जैसे कि ब्याज दरों में बदलाव या डॉलर में मजबूती।
दूसरी ओर, संतोष मीणा का अनुमान थोड़ा ज्यादा है। उनका कहना है कि अगर पिछले पांच सालों की तरह 18% सालाना रिटर्न (CAGR) जारी रहा, तो सोना ₹2.25 लाख प्रति 10 ग्राम तक भी जा सकता है। उनका तर्क है कि जैसे-जैसे ट्रेड वॉर और जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ेंगे, सोने की मांग और बढ़ेगी।
निवेशक क्या करें? एक्सपर्ट्स की सलाह
सुगंधा सचदेवा निवेशकों को सलाह देती हैं कि सोने में धीरे-धीरे और सिस्टमैटिक तरीके से निवेश करते रहें, खासकर जब कीमतें थोड़ी गिरें। ये रणनीति अगले पांच सालों में बेहतर रिटर्न और कम रिस्क दे सकती है। वो कहती हैं कि सोना आज के समय में न सिर्फ पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन के लिए अच्छा है, बल्कि वैश्विक अनिश्चितताओं से सुरक्षा का भी काम करता है। जैसे बढ़ती महंगाई, डॉलर की कमजोरी, या आर्थिक तनाव।
संतोष मीणा भी मानते हैं कि सोना एक फाइनेंशियल सेफ जोन बना हुआ है, और सेंट्रल बैंक की लगातार खरीदारी इसे मजबूत सपोर्ट दे रही है। छोटी अवधि में दाम ऊपर-नीचे हो सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में ये एक भरोसेमंद निवेश बना रहेगा।
डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विचार और सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, न कि मिंट के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच करें।
Source: Mint