पहली तिमाही के मिलेजुले नतीजों, अमेरिका-भारत ट्रेड डील से जुड़ी अनिश्चितता, एफआईआई की लगातार जारी बिकवाली,औसत से अधिक बारिश, और यूके-भारत ट्रेड डील के बीच उतार-चढ़ाव भरे बाजार में ब्रॉडर इंडेक्सों ने पिछले सप्ताह की बढ़त गवां दी। मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। बीएसई मिड और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 1.7 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि बीएसई लार्जकैप इंडेक्स में लगातार चौथे सप्ताह गिरावट जारी रही तथा यह 0.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।
बीते सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 294.64 अंक या 0.36 प्रतिशत गिरकर 81463.09 पर बंद हुआ और निफ्टी 131.4 अंक या 0.52 प्रतिशत गिरकर 24837 पर बंद हुआ। इस महीने में अब तक सेंसेक्स और निफ्टी में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई है।
विदेशी संस्थागत निवेशक पूरे सप्ताह नेट सेलर रहे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने शेयर खरीदकर इसकी भरपाई की। एफआईआई ने चौथे सप्ताह में भी बिकवाली जारी रखी और 13,552.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 17,932.45 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जिससे 14वें सप्ताह में भी इनकी खरीदारी जारी रही।
इस महीने में अब तक एफआईआई ने 30,508.66 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर बेचे हैं, जबकि डीआईआई ने 39,825.97 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर खरीदे हैं।
सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो निफ्टी मीडिया इंडेक्स में 5.7%, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में लगभग 5%, निफ्टी आईटी इंडेक्स में 4%, निफ्टी ऑयल एंड गैस और एफएमसीजी इंडेक्स में 3.5% की गिरावट आई। हालांकि, निफ्टी बैंक, फार्मा और प्राइवेट बैंक इंडेक्स मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसमें इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, ब्लू जेट हेल्थकेयर, कंट्रोल प्रिंट, वेंड्ट (इंडिया), केसॉल्व्स इंडिया, आयन एक्सचेंज (इंडिया), सीएट, वेरंडा लर्निंग सॉल्यूशंस, किर्लोस्कर न्यूमेटिक कंपनी, क्विक हील टेक्नोलॉजीज, ट्रांसरेल लाइटिंग, पीसी ज्वैलर, आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी, सिग्निति टेक्नोलॉजीज के शेयरों में 10-34 प्रतिशत की गिरावट आई।
दूसरी ओर, इन्फोबीन्स टेक्नोलॉजीज, केआईओसीएल, तिलकनगर इंडस्ट्रीज, मास्टर ट्रस्ट और एसएमएल इसुजु ने 20-40 प्रतिशत के बीच बढ़त हासिल की।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर जारी अनिश्चितता, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के अब तक मिले-जुले नतीजों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से बढ़ती बीकवाली के बीच ऐसा लगता है कि बाजार में मजबूती बनी रहेगी। वीकेंट में आने वाले प्रमुख नतीजों में कोटक महिंद्रा बैंक, मैक्रोटेक डेवलपर्स, सीडीएसएल आदि शामिल हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि निफ्टी लगातार बिकवाली के दबाव में बना हुआ है। इंडेक्स 24,900 के अहम सपोर्ट स्तर से नीचे फिसल गया है। इसके अलावा,यह कई सत्रों में पहली बार 50-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (50EMA) से नीचे बंद हुआ है। ये मौजूदा रुझान के कमज़ोर होने का संकेत है।
इसके अलावा, इंडेक्स अब डेली टाइम फ्रेम पर पिछले स्विंग हाई के जोन में वापस आ गया है। ये रुझान में संभावत बदलाव की ओर संकेत कर रहा है। वर्तमान स्थिति काफ़ी कमज़ोर दिखाई दे रही है और एक गहरे करेक्शन की संभावना के संकेत मिल रहे हैं।
अगर निफ्टी अगले एक-दो कारोबारी सत्रों में 24,900 के ऊपर के स्तर को फिर से हासिल करने में नाकाम रहता है तो तेजड़ियों को शॉर्ट टर्म चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। नीचे की ओर तत्काल सपोर्ट 24,700 पर और उसके बाद 24,500 पर दिखाई दे रहा है। ऊपर की ओर रेजिस्टेंस अब 25,000 के आसपास शिफ्ट हो गया है।
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Source: MoneyControl